मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिलकिस बानो रेप और हत्या के मामले में 11 दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगा दी है. निचली अदालत ने अपने फैसले में सभी 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके अलावा कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने कुछ आरोपियों को फांसी की सजा देने को कहा था.
बिलकिस बानो केस में 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 12 लोगों को मर्डर और गैंगरेप का आरोपी माना था. जिसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी. जिसके बाद सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की थी.
सीबीआई ने दोषियों में से तीन के लिए मृत्युदंड देने की मांग की थी, क्योंकि उसका मानना था कि यह एक गंभीर अपराध और यह एक ‘सामूहिक हत्याकांड’ था. बिलकिस मामले की सुनवाई जनवरी 2005 में शुरू हुई थी. आरोपियों में जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट, राधेशाम शाह, बिपिनचंद्र जोशी, कोसरभाई वोहानिया, बाकाभाई वोहानिया, प्रदिप मरोडिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट और रमेश चंदाना के नाम शामिल हैं.
बता दें कि मार्च 2002 में अहमदाबाद से 250 किलोमीटर दूर रंधीकपुर गांव में बिलकिस के परिवार पर एक भीड़ ने हमला किया. उस समय बिलकिस 19 साल की थीं और 5 महीने की गर्भवती थीं. उसके साथ दोषियों ने गैंगरेप किया था. उनके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. रेप के बाद बिलकिस को पीटा गया और मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया.