नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में प्रस्तावित सैलरी और पेंशन में अहम बदलावों को मंजूरी दे दी गई है. सरकार के इस फैसले से सिविल और रक्षा दोनों तरह के करीब 55 लाख पेंशनरों को फायदा होगा. साथ ही सरकारी खजाने पर 5,031 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
पेंशन के संबंध में कैबिनेट ने जिन बदलावों को मंजूरी दी है वे एक जनवरी 2016 से प्रभावी होंगे क्योंकि इसी तारीख से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई थीं. इस फैसले से केंद्र सरकार पेंशन पर सालाना करीब 1,76,071 करोड़ रुपये खर्च करेगी. केन्द्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने जून 2016 में सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी दी थी और केंद्रीय बजट में 84,933 करोड़ के साथ-साथ वित्त वर्ष 2015-16 में दो महीने के एरियर का प्रावधान कर दिया था.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून की धारा 35 ए में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इसी बैठक में रिजर्व बैंक को सशक्त करने को भी मंजूरी दी गई. केंद्र सरकार जल्द एक ऐसा अध्यादेश लेकर आ रही है. जिससे वह प्रभावी तरीके से बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या से निपट सकेगा.