नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच फिलहाल सुलह हो गई है. आम आदमी पार्टी की पीएसी ने विश्वास पर आरोप लगाने वाले विधायक अमानतुल्लाह को पार्टी की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया. सस्पेंड के बाद भी अमानतुल्लाह अपने बयान पर कायम हैं और कुमार को बड़ा लीडर बताया है. वहीं, कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बना दिया है.
इस फॉर्मूसे से जीते दिल
केजरीवाल ने कुमार विश्वास को किसी बड़े फैसले से रोक लिया और अपने संयोजक पद को भी बरकरार रखा. इस फॉर्मूले के तहत विश्वास के फिलहाल पार्टी में बने रहने पर जहां कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी वहीं अमानतुल्लाह के खिलाफ नारे भी लगाए.
हालांकि, केजरीवाल ने अमानतुल्लाह को पार्टी से निकाले जाने की मांग को नहीं माना. उन्हें सस्पेंड कर एक कमेटी बना दी जिसके अध्यक्ष पार्टी के सचिव पंकज गुप्ता होंगे जबकि आशुतोष और आतिशी मर्लिना उसके सदस्य होंगे. लेकिन कुमार विश्वास सुलह के इस फॉर्मूले को अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं.
सिसोदिया के घर पहुंचे अमानतुल्लाह
दूसरी तरफ, पार्टी से सस्पेंड अमानतुल्लाह को पीएसी का फरमान सुनाने खुद मनीष सिसोदिया उनके घर पहुंचे. उम्मीद के मुताबिक अमानतुल्लाह की बातों में कुमार विश्वास को लेकर तंज साफ नज़र आया. दरअसल, अमानतुल्लाह ने विश्वास को आरएसएस का एजेंट बताया था और संयोजक बनने के लिए पार्टी पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया था.
अपने बयान पर कायम अमानतुल्लाह
अमानतुल्लाह ने कहा मैं अभी भी अपने बयान पर कायम हूं और आगे भी रहूंगा. ‘छोड़िए जी, वह तो बड़े लीडर हैं.’ उन्होंने कहा कि पार्टी का यह अपना फैसला है, जिस पर उन्होंने मंजूरी जताई है.
सुलह से किसको क्या मिला ?
देखा जाए तो केजरीवाल और कुमार विश्वास दोनों को ही समझौता करना पड़ा. दोनों को ही कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ा. जहां तक केजरीवाल की बात है तो वो अपना संयोजक पद बचाने में कामयाब रहे. कुमार विश्वास के इस्तीफे से पार्टी में बड़ा संकट पैदा हो सकता था जिसे टालने में भी उन्हें कामयाबी मिली.
यही नहीं, उन्होंने कुमार विश्वास को राजस्थान भेज कर दिल्ली से दूर किया और कुछ दिनों के लिए चुप करा दिया. केजरीवाल ने अमानतुल्लाह को सस्पेंड कर दुखी तो किया लेकिन पार्टी से निकाल कर उन्हें और उनके पीछे खड़े नेताओं को नाराज नहीं किया.
जहां तक कुमार विश्वास की बात है तो वो केजरीवाल को अपनी बात सुनने पर मजबूर कर सके.
इसके साथ ही, अमानतुल्लाह के खिलाफ केजरीवाल को कार्रवाई पर मजबूर भी किया और अपने लिए राजस्थान का प्रभारी पद भी हासिल कर लिया. इसके अलावा उस वीडियो पर माफी नहीं मांगी जिसमें विश्वास ने कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों की हौसलाअफजाई की थी और मोदी-केजरीवाल की बजाए देश को आगे रखा था.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि केजरीवाल ने हर दांव सोच समझ कर चला है. कुमार विश्वास को राजस्थान की जिम्मेदारी देकर परफॉर्म करने की चुनौती दे दी है. कुमार की पत्नी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की हैं और अक्सर कुमार अपनी कविताओं का पाठ करने के लिए राजस्थान जाते रहते हैं. वहां उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग भी है.
दूसरी तरफ, अमानतुल्ला की जांच के लिए तो जो समिति बनाई है उसे कोई मैंडेट नहीं दिया है. यानि समिति किसी भी नतीजे पर पहुंचे अंतिम फैसला केजरीवाल ही करेंगे.