SC ने 4 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका को खारिज किया

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने करीब 8 साल पहले हुए रेप और हत्या के मामले में मौत की सजा पर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2008 मे नागपुर में 4 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में दोषी वसंत संपत दुपारे की फांसी की सजा बरकरार रहेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर यह फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिस तरीके से दोषी ने चार साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या की क्रूर वारदात को अंजाम दिया, हमारी राय में कोई राहत नहीं दी जा सकती.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हत्यारे के वकील से सवाल किया था कि क्या किसी राक्षस या आतंकवादी के सुधरने की गुंजाईश नहीं होती? क्या एक ऐसे आतंकी जिसने एक बार ही बम धमाका कर 20 लोगों की जान ली हो और इससे पहले उसने कोई अपराध ना किया हो, वो सुधर नहीं सकता? ऐसे में क्या आंतकी को भविष्य में सुधरने के लिए सजा में छूट दी जा सकती है? अगर राज्य किसी दोषी को सुधारने में नाकाम हो तो क्या दोषी को इसका फायदा दिया जा सकता है? बच्ची से रेप और हत्या करने वाले दोषी अपनी उम्र की वजह से विश्वास करने योग्य था, इसलिए बच्ची चाकलेट के लिए उसके साथ चली गई. दोषी ने उससे रेप किया और फिर दरिंदे की तरह पत्थर से सिर कुचल दिया
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दोषी वसंत संपत दुपारे का अपराध रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में आता है और उसके सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं है.
वहीं दोषी के वकील की दलील थी कि राज्य ये साबित करने में नाकाम रहा है कि दोषी सुधर नहीं सकता. दोषी की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली जानी चाहिए. उसकी उम्र करीब 55 साल है और अगर वो 20 साल भी जेल में रहता है, तो वो 75 साल की उम्र में बाहर आएगा. ऐसे में वो समाज के लिए खतरा नहीं रहेगा.
बता दें कि पिछले साल अक्तूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिग बच्ची से रेप और कुछ नहीं, बल्कि अंधेरे में पाशविक हरकत से उसकी इज्जत को धूल धूसरित करना है. यह कन्या के समूचे शरीर और समाज की आत्मा के प्रति अपराध है और इसे करने के तरीके से यह अपराध अधिक गंभीर हो जाता है. कोर्ट ने कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की कैटिगरी में आता है.
गौरतलब है कि आरोपी वसंत संपत दुपारे को लोअर कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट ने को मौत की सजा सुनाई थी. आरोपी ने बच्ची को लालच देकर उसके साथ रेप किया और फिर भारी पत्थरों से उसकी हत्या कर दी थी.
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