नई दिल्ली: 200 करोड़ की लागत से बनी इस लैब में होने वाले प्रयोगो पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होंगे. पानी की तरह पैसा बहाया जाएगा. बाबा रामदेव कहते भी है कि ये काम भाषण प्रवचन वाला नहीं बल्कि ये दुनिया के सामने आयुर्वेद की शक्ति को साबित करने का काम है.
बाबा रामदेव बड़े मिशन पर है बाबा तो यहां तक कोशिस में है कि वो इस संजीवनी लैब में आयुर्वेद का ऐसा मिश्रण तैयार करें. जिसे खाकर इंसान अमरता को प्राप्त हो जाएं. चूकि आयुर्वेद की लडाई एलोपेथ से है .लिहाजा बाबा ने इस लैव में वैज्ञानिकों की बड़ी औऱ काबिल फौज को जिम्मेदारी सौंपी है.
जो जानवरों पर आयुर्वेद का सफल ट्रायल कर आयुर्वेद को ड्रग्स का दर्जा देंगे. 200 वैज्ञानिकों की टीम को लीड कर रही है एक महिला वैज्ञानिक. जिनका नाम है वीना है. बाबा रामदेव की संजीवनी गुफा का ये पहला पड़ाव है. जिसे वैज्ञानिक भाषा में टिशु कल्चर लैब कहा जाता है.
टिशू कल्चर लैब में क्या होता है ये तो आने खूब सुना होगा लेकिन आयुर्वेद में टिशू कल्चर लैब कैसे काम करेगी. किसी तरह की कोई कमी नहीं की गई है इस लैब को स्थापित करने में है देश में और दुनिया में पहली बार आय़ुर्वेद पर साइंटिफिक तरीके से रिसर्च हो रही है. और शुरुवात जिस तरह से दिखाई दे रही है उससे साफ है परिणाम भी चौंकाने वाले होंगे.