भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने आज एक अनोखी शुरुआत की है. सरकार ने आज कैबिनेट की जगह ‘टिफिन कैबिनेट’ की बैठक बुलाई. इस बैठक में सभी मंत्री अपना-अपना टिफिन लेकर पहुंचे थे. बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों को खाना परोसा. बारी-बारी से सभी मंत्रियों के पास जाकर उन्हें कचौड़ी भी दी. इसलिए इस कैबिनेट का नाम ‘टिफिन कैबिनेट’ दिया.
CM भी पहुंचे टिफिन लेकर
दरअसल बैठक से एक दिन पहले सभी मंत्रियों को सीएम सचिवालय से मैसेज किया गया था कि उन्हें अपने घर से खाना बनाकर लाना होगा. खुद सीएम शिवराज भी टिफिन लेकर पहुंचे थे. इसके बाद सभी मंत्रियों ने साथ बैठकर खाना खाया. कैबिनेट के लिए पहुंचे मंत्रियों ने पहले सामूहिक भोजन किया और इसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कई अहम फैसले लिए गए.
ऐसा फैसला लेने वाला MP पहला राज्य
कैबिनेट की बैठक में शिवराज सरकार ने आज एक बड़ा फैसला किया. शिवराज कैबिनेट ने नया वित्तीय वर्ष जनवरी से शुरू करने को मंजूरी दी. यानी नया वित्तीय वर्ष दिसंबर में खत्म होगा. मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जो सालों से चली आ रही वित्तीय वर्ष की परंपरा को बदलने जा रहा है.
अब तक वित्तीय वर्ष मार्च में खत्म होता रहा है, लेकिन पीएम मोदी ने इस नई शुरुआत के लिए पहल की थी. दरअसल अप्रैल से मार्च के वित्तीय वर्ष की परंपरा 1867 से चली आ रही है. तब देश में ब्रिटिश शासन था. पिछले साल मोदी सरकार ने इस परंपरा में बदलाव के लिए एक आयोग का गठन किया था. शिवराज कैबिनेट ने नर्मदा सेवा संकल्प के साथ आज नर्मदा नदी को जीवित इकाई का दर्जा देने की मंजूरी दे दी.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि वित्तीय वर्ष में बदलाव करने का फैसला करके शिवराज सरकार ने एक साथ दो मकसद पूरे किए हैं. एक तरफ इस फैसले से मध्य प्रदेश मोदी सरकार की पहल को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया तो वही दूसरी तरफ इस फैसले को राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश में अगले साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. उससे पहले ही सरकार के लिए जनता के लोकलुभावन बजट लाने का रास्ता साफ हो गया है.