नई दिल्ली: भारतीय रेल में खान-पान का इंतजाम देखने वाली IRCTC के मुंबई दफ्तर में RTI के जरिए एक ऐसे तथाकथित घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसे रेलवे ने आरटीआई में गलत जवाब की वजह से फैला भ्रम करार दिया है और जवाब देने वाले तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
आरटीआई के तहत सस्पेंड हो चुके रेलवे अधिकारियों ने सूचना मांगने वाले को जो जवाब दिया था उसके मुताबिक आईआरसीटीसी 9270 रुपए किलोग्राम दही और 1241 रुपए प्रति लीटर रिफाइंड तेल खरीद रही थी. टाटा का नमक 49 रुपए किलोग्राम खरीदा जा रहा था.
आरटीआई में सामने आया सच:
रेलवे के पीआरओ अनिल सक्सेना ने कहा है कि ये कोई घोटाला नहीं है, बल्कि RTI का जवाब देने वालों ने गलत जवाब दिया है, जिनके खिलाफ एक्शन लिया गया है. सक्सेना ने बताया कि 3 स्टाफ को सस्पेंड किया गया है, जबकि एक का ट्रांसफर.
सक्सेना ने कहा कि RTI का जवाब देते वक्त रेट को लेकर टाइपिंग मिस्टेक हुई है. एक कप दही का दाम 972 रुपए लिख दिया गया, जबकि एक कार्टून दही की कीमत करीब 972 रुपये है, जिसमें दही के 108 कप आते हैं.
गलत जवाब देने वालों के खिलाफ एक्शन:
रेलवे ने जिन तीन स्टाफ को आरटीआई में गलत जवाब देने के लिए सस्पेंड किया है, वो चीफ कैटरिंग इन्सपेक्टर टी. मणि, सीवी भिषे और कैटरिंग इन्सपेक्टर हनुमेश कुलकर्णी हैं. इनके अलावा मुंबई डिवीजन के एसीएम, कैटरिंग डीडी मनजेश को हेडक्वार्टर भेज दिया गया है.
बता दें कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और रेलवे बोर्ड से इस तरह की पारदर्शी व्यवस्था लाने को कहा है जिससे हर रेलवे जोन को पता हो कि कौन सा सामान, किस रेट पर खरीदा जा रहा है, जिससे कोई भी ज्यादा दाम पर ना कोई चीज खरीद सके.
रेलवे ने कहा जवाब देने वालों से हुई गलती:
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोस को रेलवे की तरफ से मिले जवाब में बताया गया था कि दही 9720 रुपए किलो, रिफाइंड तेल 1241 रुपए, टाटा नमक 49 रुपए किलो और पानी व सॉफ्ट ड्रिंक 59 रुपए प्रति बोतल खरीदा गया है. रेलवे ने मामला सामने आने के बाद कहा है कि जवाब देने वालों ने गलत दाम लिखा है, इसलिए उन सबको सस्पेंड कर दिया गया है.
अजय बोस को ये जवाब रेलवे ने पहली बार में नहीं, दूसरी बार में नहीं, तीसरी बार में दिया. जब वो जवाब ना मिलने की वजह से दूसरी अपील में गए थे. बोस के मुताबिक, उनको मिले जवाब में समोसा, प्याज और आलू के सही दाम बताए गए हैं.
घपलों के कारण घाटा दिखाती है IRCTC:
बोस का कहना है कि उन्होंने और भी बहुत सारे सामान के दाम मांगे थे और पूरे एक साल का हिसाब मांगा था लेकिन जवाब में कुछ महीने का और कुछ सामान का ही दाम बताया गया है. बोस ने जवाब के आधार पर दावा किया है कि स्टॉक में भी बहुत घपला है. जैसे, आटा खरीदा गया 250 किलो लेकिन बांटा गया 450 किलो. मैदा खरीदा गया 20 किलो लेकिन बांटा गया 35 किलो. बासमती चावल खरीदा गया 255 किलो लेकिन बांटा गया 745 किलो.
अजय बोस का दावा है कि आईआरसीटीसी हर साल जो घाटा दिखाती है वो इसी तरह के घपलों के कारण हो रहा है. वहीं, रेलवे इसे गलत जवाब के कारण पैदा हुआ भ्रम बता रहा है और किसी भी तरह के घपले या घोटाले से इनकार कर रहा है.