नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सीएस करनन के बीच मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ के द्वारा दलित जज करनन का मेंटल चैकअप कराए जाने का आदेश देने के बाद करनन ने भी सातों जजों को करारा जबाव दिया है.
अंग्रेजी समाचार एजेंसी IANS के अनुसार पीठ के आदेश के जबाव में जस्टिस कर्णन ने कहा कि अगर वेस्ट बंगाल के डीजीपी मेरा जबरन मेंटल हेल्थ चेक करने आते हैं तो हो सकता है कि स्वत: संज्ञान लेते हुए मैं उन्हें सस्पेंड कर दूं. जस्टिस कर्णन ने यह भी कहा कि दिल्ली के कमिश्नर को ऑर्डर देता हूं कि वो सातों आरोपी जजों (मामले की सुनवाई कर रही बेंच के जज) का एम्स में मेंटल चेकअप कराएं.
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने जस्टिस कर्णन से उनके खिलाफ जारी अवमानना नोटिस का 8 मई तक जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि अगर जवाब नहीं दिया गया तो यह माना जाएगा कि उनके पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है. बता दें कि 31 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को 4 हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने का ऑर्डर दिया था.
जस्टिस कर्णन ने 23 जनवरी को पीएम को लेटर लिखकर 20 जजों पर करप्शन का आरोप लगाया था. इनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और मद्रास हाईकोर्ट के मौजूदा जज शामिल हैं. जिसके बाद की कार्रवाई में चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुआई वाली सात जजों की बेंच ने 10 मार्च को जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. कर्णन सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को लेटर लिखकर आरोप लगाया था कि दलित होने की वजह से उन पर यह एक्शन लिया जा रहा है.