नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कहा, जैन कमिशन कमिशन के निर्देश के मुताबिक राजीव गांधी की हत्या की आगे जांच होनी ही चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मामले की आगे जांच के लिए चार हफ्ते में सील कवर में स्टेटस रिपोर्ट मांगी हैं.
कोर्ट ने पूछा है कि सीबीआई बताए कि इस मामले की आगे जांच कब तक पूरी हो सकती है. साथ ही ये भी बताए कि इस केस में फरार आरोपियों के प्रत्यार्पण समेत क्या क्या कानूनी अडचने आ रही हैं. इसके अलावा कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई ने इन अडचनों के लिए क्या कदम उठाए हैं. कोर्ट मामले की सुनवाई 16 अगस्त को करेगा।
CBI की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच चल रही है. लेकिन ये नहीं बताया जा सकता कि केस की जांच में कितना वक्त लगेगा. इस मामले में फरार आरोपियों के प्रत्यापर्ण में भी वक्त लग रहा है. जब तक इन आरोपियों को वापस नहीं लाया जाएगा जांच पूरी नहीं हो सकता.
दरअसल राजीवगांधी हत्याकांड में दो मामले दर्ज किए गए थे. एक केस में मुरगन, निलिनी, पेरारीवलन सात लोगों को सजा हो चुकी है और वो उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. दूसरे केस में लिट्टे चीफ प्रभाकरण, अकीला और पुट्टूअम्मन समेत 11 लोगों को साजिश का आरोपी बनाया गया था. इनमें से इन तीनों को छोडकर सबकी मौत हो चुकी है.
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हत्याकांड की और जांच के आदेश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जैन कमिशन की सिफारिश के आधार पर मामले की आगे जांच के लिए सीबीआई की देखरेख में मल्टी डिस्पलेनेरी मोनिटिरंग अथारिटी बनाई गई थी. लेकिन 18 साल बीत जाने पर भी जांच आगे नहीं बढी.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले ही सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है. पेरारीवलन को राजीव गांधी हत्याकांड में साजिश रचने का दोषी करार दिया गया था और वो 26 साल से जेल में है.