नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में करारी शिकस्त के बाद आम आदमी पार्टी में कई बड़े नेताओं ने पार्टी के मुख्य पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने नवनिर्वाचित और गिने-चुने पार्षदों के लिए डर सताने लगा है.
एमसीडी की 270 सीटों में से आम आदमी पार्टी को महज 45 सीटें ही मिली हैं, जिसके बाद संजय सिंह ने पंजाब के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था तो वहीं दुर्गेश ने भी पंजाब के सह प्रभारी का पद छोड़ दिया था. वहीं अलका लांबा, सोमनाथ भारती और दिलीप पांडे ने भी पार्टी के मुख्य पदों से इस्तीफा दे दिया.
चुनाव के नतीजों के बाद से नेताओं की ओर से इस्तीफे दिए जाने के बाद अब केजरीवाल को अपने गिने-चुने पार्षदों के पार्टी छोड़ने का डर सताने लगा है. केजरीवाल ने एमसीडी में चुने गए अपने पार्षदों को बुलाकर पार्टी न छोड़ने की शपथ दिलाई.
केजरीवाल ने बैठक में खड़े होकर सभी पार्षदों को शपथ दिलाई. शपथ के बोल- मैं कभी भी अपनी पवित्र पार्टी को और इस आंदोलन को धोखा नहीं दूंगा. केजरीवाल ने बैठक में पार्षदों से कहा, ‘आपको तोड़ने की कोशिश होगी, आपको लालच दिया जाएगा, ऐसे में अगर कोई भी पैसा लेता है तो वो पैसा फलेगा नहीं.’
केजरीवाल ने पार्षदों से कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली है, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी है, आप यह मानो कि आप अपने वार्ड के पिता हैं.
हार के मंथन के लिेए बुलाई विधायकों की बैठक
एमसीडी चुनाव में हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने विधायकों की बैठक ली और हार के कारणों की समीक्षा की. केजरीवाल ने भरोसा दिया कि हर विधायक से वो अलग-अलग मिलेंगे, लेकिन इस बैठक में आश्चर्य की बात यह है कि 17 विधायक इस बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे.