नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने ईपीएफ सदस्यों के लिए कई बदलाव किए हैं, चार करोड़ से अधिक सदस्यों इलाज और विकलांगता से खुद को बचाने के लिए उपकरण खरीद को लेकर पैसे निकाल सकते हैं.
इस योजना का फायदा लेने के लिए ईपीएफ खाताधारकों को स्वास्थय प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी. प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत को समाप्त करने और प्रोफार्मा में बदलाव के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन किया गया है. पैसे निकालने के लिए अंशधारक एकीकृत फार्म का उपयोग कर और स्वघोषणा के जरिए विभिन्न आधार पर ईपीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है की श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के उपबंध 68-जे और 68-एन में संशोधन किया है. गौरतलब है की इससे पहले तक बीमारी के इलाज के लिए प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती थी की सदस्य या उस पर आश्रित व्यक्ति कर्मचारी राज्य बीमा योजना और उसके लाभ के दायरे में नहीं आता, इसी के साथ सदस्यों को डाक्टर से प्रमाणपत्र लेकर देना होता था.