सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. खबर के अनुसार नक्सलियों ने जवानों की हत्या करने के बाद उनमें से कई प्राइवेट पार्ट तक काट डालें हैं, किसी का गला रेता गया था. सुकमा हमले में 25 जवान शहीद और सात जवान लापता हो गए थे. बाद में शव लेने पहुंची रेस्क्यू टीम को जब ये पता कि कुछ जवानों के प्राइवेट पार्ट काट लिए गए थे, कुछ के गले रेत दिए गए थे और कुछ के तो पत्थर से सर कुचल दिए गए थे.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ यही कह सकते हैं कि हमले में शहीद हुए कई जवानों के अंग काटे गए हैं. उन्होंने कहा कि अमूमन माओवादी शहीद हुए जवानों के शरीर के साथ इस तरह की हरकत नहीं करते. ऐसी हरकत करने के पीछे शायद स्थानीय आदिवासियों ये संदेश देना चाहते हैं कि वे वे सुरक्षाबलों की मदद करने से बाज आएं.
इस तरह हुआ हमला
बता दें कि सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान बुरकापाल में बन रही सड़क के काम में सुरक्षा देने के लिए जा रहे थे. जैसे ही ये जवान चिंतागुफा के करीब पहुंचे एक जबरदस्त धमाका हुआ. धमाके के बाद जवान संभल भी नहीं पाए थे कि उन पर दोनों तरफ से अंधाधुंध गोलीबारी होने लगी. कुछ जवानों ने नक्सलियों पर जवाबी फायरिंग भी की लेकिन नक्सलियों की तादाद ज्यादा थी और उन्होंने पहले से मोर्चा भी संभाल रखा था.
बताया जा रहा है कि घात लगाकर किए गए इस हमले में करीब 300 नक्सली सामिल थे जिन्होंने सीआरपीएफ के 90 जवानों को निशाना बनाया. हमला करने वालों में महिला नक्सलियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी. हमले के बाद मची अफरा-तफरी में नक्सलियों ने जवानों की राइफलें भी लूट लीं.
सूत्रों के मुताबिक इस हमले को नक्सली कमांडर हिडमा ने अंजाम दिया है. हमले की वजह बुरकाबपाल में बन रही सड़क को बताया जा रहा है. नक्सली इस सड़क का लगातार विरोध कर रहे थे. उन्हें डर था कि अगर सड़क बन गई तो सुरक्षा बल सीधे उनके गढ़ तक पहुंच जाएंगे.