नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘इलाज’ की सलाह देने वाली नेता बरखा सिंह शुक्ला ने अजय माकन के इस्तीफा पर कह कि नोट और वोट में से एक ही चीज मिलनी थी. माकन ने नोट बटोर लिए और इस्तीफा दे दिया. ये काम उन्हें और पहले करना था, कम से कम आज कांग्रेस की ये स्थिती तो न रहती.
बरखा शुक्ला ने राहुल गांधी पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस रसातल में जा चुकी है. राहुल एक बार अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर देखें. उन्हें अपनी हैसियत का अंदाजा हो जाएगा. राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए फिट नहीं हैं. बता दें कि इससे पहले भी बरखा ने राहुल पर जमकर निशाना साधा था. बरखा ने कहा था कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया गया तो पार्टी का विनाश हो जाएगा.
बता दें कि बरखा सिंह शुक्ला को कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था. उन्होंने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और राहुल पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों की कथनी और करनी में फर्क है. अजय माकन एक साल से बदतमीजी कर रहे हैं. वहीं बरखा ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया गया तो पार्टी का विनाश हो जाएगा. राहुल को अपना इलाज कराना चाहिए.’
वहीं एमसीडी चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अजय माकन ने भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. माकन ने कहा है कि वह अगले एक साल तक कोई पद नहीं लेंगे और पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में ही काम करेंगे. माकन ने कहा, ‘मैं हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं. शीला दीक्षित और संदीप दीक्षित ने भी मेरे खिलाफ बयान दिया था.’
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी के महासचिव गुरुदास कामत ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. कामत ने एक बयान का संदर्भ देते राजनीति से रिटायरमेंट की ओर संकेत करते हुए कहा कि मैं पिछले सप्ताह बुधवार (19 अप्रैल) को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिला था और सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बारे में चर्चा की थी.