नई दिल्ली. देश में इन दिनों जमकर सियासी इफ्तार पार्टियों का दौर चल रहा है. रविवार को जहां दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार से खींचतान के बाद सीएम अऱविंद केजरीवाल से गले मिलाया वहीं इस पार्टी में जंग के साथ ही उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी, बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता और पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित भी शामिल हुए.
ऐसे में ये गौर करने वाली बात है कि आखिर सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले इन नेताओं के इफ्तार पार्टियों में मिलने का मकसद क्या होता है ? इसके पीछे धार्मिक सद्भावना होती है या कुछ और..वीडियो में देखिए पूरी बहस
2025 के लिए बाबा वेंगा की सबसे गंभीर भविष्यवाणी यह है कि इस साल से…
आज यानि २४ नवंबर को भी राजधानी दिल्ली के लोनी में AQI 403 रहा. नरेला…
सूर्य का राशियों में गोचर बेहद शुभ रहेगा, जबकि कुछ को सतर्क रहने की सलाह…
तिरुपति बालाजी मंदिर के पास सिदरा में संदिग्ध विस्फोटक (आईईडी) की सूचना के बाद सुरक्षा…
स्वरा भास्कर ने अपने पति की इस करारी हार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वरा…
आज आईपीएल 25 के लिए चल रहे मॉक ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने सबसे ऊंची…