नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंश केस में 1992 में यूपी शिवसेना के प्रेसिडेंट पवन पांडे ने निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सनसनीखेज खुलासा किया है. पांडे ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद ढाचे को सुनियोजित तरीके से गिराया गया था. इसके लिए कारसेवकों को ट्रेनिंग दी गई थी. साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे बीजेपी नेताओं को इसकी जानकारी थी.
पांडे ने दावा किया कि ये विध्वंश 6 दिसंबर को क्या होना था. इसलिए 5 दिसंबर को जो बैठक बुलाई गई थी उसमें आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल मौजूद थे. पवन पांडे ने दावा किया है कि कारसेवकों को विधिवत महाराष्ट्र, एमपी, यूपी के चित्रकूट में ढांचा तोड़ने की ट्रेनिंग दी गई थी. ढांचा कैसे तोड़ना है. दो जिलों में सैकड़ों कारसेवकों में पत्थर तोड़ने की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी. कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इसकी तैयारी शुरू हो गई थी.
पवन पांडे ने बताया कि नवंबर 1990 में मुलायम सरकार के दौरान जिन हिंदू कारसेवकों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, उनमें वो बाल बाल बचे थे. पवन पांडे परमहंस के नेतृत्व में 17 बार जेल जा चुके हैं. बाबरी मस्जिद के विवादास्पद ढांचे को गिराने का जो केस इस समय चल रहा है, उसमें पवन मुख्य आरोपी हैं.
बता दें कि जिस समय अयोध्या आंदोलन चरम पर था उस समय पवन पांडे यूपी शिवसेना के अध्यक्ष थे. 1986 में बाला साहेब ठाकरे के सामने पांडे ने शिवसेना की मेंबरशिप ली थी. बाल ठाकरे पवन पांडे को उद्धव और राज ठाकरे के बाद अपना तीसरा बेटा मानते थे.
बता दें कि इसी साल 18 अप्रैल को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश चलाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर सुनाया था.