रायपुर : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत की. राजनाथ सिंह ने बताया कि हमले को सरकार एक चुनौती की तरह ले रही है और जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
राजनाथ ने कहा, ‘हमले को चुनौती के रूप में ले रहे हैं. नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. 8 मई को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गई है. इसमें कई राज्य शामिल होंगे और नक्सलियों के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की जाएगी. कड़ी कार्रवाई करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी, लेकिन क्या कार्रवाई होगी इसका खुलासा नहीं किया जाएगा.’ राजनाथ सिंह ने कहा है कि केंद्र और राज्य की सरकारें मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम देंगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए नक्सली हमले में जहां 25 जवान शहीद हो गए हैं तो वहीं 8 जवान गंभीर रूप से घायल और 7 से ज्यादा लापता हैं. रिपोर्ट्स हैं कि लापता जवानों को बंधक बना लिया गया है.
इस तरह हुआ हमला
बता दें कि सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान बुरकापाल में बन रही सड़क के काम में सुरक्षा देने के लिए जा रहे थे. जैसे ही ये जवान चिंतागुफा के करीब पहुंचे एक जबरदस्त धमाका हुआ. धमाके के बाद जवान संभल भी नहीं पाए थे कि उन पर दोनों तरफ से अंधाधुंध गोलीबारी होने लगी. कुछ जवानों ने नक्सलियों पर जवाबी फायरिंग भी की लेकिन नक्सलियों की तादाद ज्यादा थी और उन्होंने पहले से मोर्चा भी संभाल रखा था.
बताया जा रहा है कि घात लगाकर किए गए इस हमले में करीब 300 नक्सली सामिल थे जिन्होंने सीआरपीएफ के 90 जवानों को निशाना बनाया. हमला करने वालों में महिला नक्सलियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी. हमले के बाद मची अफरा-तफरी में नक्सलियों ने जवानों की राइफलें भी लूट लीं.
सूत्रों के मुताबिक इस हमले को नक्सली कमांडर हिडमा ने अंजाम दिया है. हमले की वजह बुरकाबपाल में बन रही सड़क को बताया जा रहा है. नक्सली इस सड़क का लगातार विरोध कर रहे थे. उन्हें डर था कि अगर सड़क बन गई तो सुरक्षा बल सीधे उनके गढ़ तक पहुंच जाएंगे.