नई दिल्ली : भारत में वित्त वर्ष अप्रैल से मार्च के बीच होता है. लेकिन अब ये जनवरी से दिसंबर हो सकता है. नीति आयोग की बैठक में रविवार को पीएम मोदी ने ऐसे संकेत दिए हैं. पीएम ने कहा कि वित्त वर्ष बदलने के लिए कई सुझाव आए हैं. उन्होंने राज्यों से वित्तीय वर्ष को जनवरी से दिसंबर करने के विषय में पहल करने को कहा.
नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर विचार-विमर्श होना चाहिए. उन्होंने बैठक में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्रियों से इस बहस को आगे बढ़ाने को कहा. इसी तरह उन्होंने वित्त वर्ष को जनवरी से दिसंबर तक करने पर भी बहस तेज करने को कहा. इस दौरान पीएम ने बजट पेश करने की तारीख में बदलाव को व्यापक सुधार का हिस्सा बताया.
बता दें कि शंकर आचार्य की अगुवाई में बनी एक कमिटी वित्त वर्ष बदलने को लेकर पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है. भारत में अभी अप्रैल से मार्च का वित्त वर्ष होता है, जबकि दुनिया भर में जनवरी से दिसंबर के वित्त वर्ष को फॉलो किया जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू इंडिया के विचार को धरातल पर उतारने के लिए भी मुख्यमंत्रियों का सहयोग मांगा. नीति आयोग संचालन परिषद की तीसरी बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों-मंत्रियों और विशेषज्ञों के रूप में यहां जमा हुई टीम इंडिया ही व्यापक सुधारों-बदलावों के जरिये न्यू इंडिया का निर्माण करेगी.