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जम्मू में गोरक्षकों की गुंडागर्दी, मुस्लिम परिवार को रॉड से पीटा, 11 गिरफ्तार

गोरक्षा के नाम पर गोरक्षकों की गुंडागर्दी एक बार फिर से देखने को मिली है. जम्मू के नजदीक रियासी जिले में गो रक्षकों की गुंडागर्दी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में गो रक्षक एक मुस्लिम परिवार पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस परिवार के सदस्य रियासी से कश्मीर जा रहे थे.

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  • April 24, 2017 4:21 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
जम्मू : गोरक्षा के नाम पर गोरक्षकों की गुंडागर्दी एक बार फिर से देखने को मिली है. जम्मू के नजदीक रियासी जिले में गो रक्षकों की गुंडागर्दी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में गो रक्षक एक मुस्लिम परिवार पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस परिवार के सदस्य रियासी से कश्मीर जा रहे थे. ये लोग खानाबदोश लोग थे, जो अपने मवेशियों को साथ लेकर चलते हैं. इन लोगों को गोरक्षकों ने तथाकथित गो रक्षक समझकर इनका पिटाई कर दी.
 
गोरक्षकों की बर्बरता के इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मुस्लिम परिवार की महिला सदस्य हाथ जोड़कर उनसे विनती कर रही है है लेकिन वो लगातार उनकी टीन के बने तंबू पर हमला कर रहे हैं. मामला 21 अप्रैल की शाम का है। गोरक्षकों ने एक परिवार के सभी सदस्यों की रॉड से पिटाई की थी. गो रक्षकों की हैवानियत इतनी बढ़ गई, कि उन्होंने 9 साल की बच्ची को भी नही बख्शा.
 
बताया जा रहा है कि मौके पर मौजूद पुलिस उपद्रवियों को रोकने की कोशिश करती रही, लेकिन उपद्रवी इतनी बड़ी तादाद में थे कि पुलिस के लिए उन्हें रोकना मुश्किल हो गया. पुलिस के मुताबिक, परिवार अपने 16 जानवरों को लेकर जा रहे थे. एक पुलिस पोस्ट पर पूछताछ के लिए उन लोगों को रोका गया था. इसी दौरान वहां बजंरग दल और VHP के लोग पहुंच गए. उसके बाद उन लोगों ने मारपीट शुरु कर दी. बाद में पीड़ित लोगों को जम्मू के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया.
 
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ताहिर भट्ट ने बताया कि वे लोग जिला मजिस्ट्रेट से इजाजत लिए बिना जानवरों को इधर से उधर ले जा रहे थे. जबकि एडिशनल डिप्टी कमिशनर बाबू राम का कहना है कि खानाबदश लोग अगर पैदल जानवरों को इधर से उधर लेकर जा रहे होते हैं तो उन्हें इजाजात नहीं लेनी होती. पैदल जानवरों को लेकर जाने के लिए वहां वन विभाग से बस ‘मोटो’ लेना होता है. अधिकारी ने यह भी कहा कि परिवार के पास वह इजाजत थी. 

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