नई दिल्ली: मनमानी और नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ इंडिया न्यूज़ की मुहिम का बड़ा असर हुआ है. CBSE ने चार और स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है, तीन और स्कूलों को डाउनग्रेड किया गया है. अब तक कुल 7 स्कूलों की मान्यता रद्द हुई है. कुल 6 स्कूलों को डाउनग्रेड किया जा चुका है.
सीबीएसई ने 37 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इससे पहले 7 स्कूलों को नोटिस मिल चुका है. बता दें कि अब तक कुल 44 स्कूलों को नोटिस जारी किया जा चुका है. जिन 4 स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है. उसमें नोएडा का रेडिएंट एकेडमी, हरिद्वार का विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजस्थान के अलवर का लॉर्ड्स इंटरनेशनल स्कूल और कर्नाटक के देवेंगरी का सेंट जॉन्स इंग्लिश मीडियम स्कूल शामिल हैं.
सीबीएसई ने जिन 37 स्कूलों को नोटिस भेजा है उनमें डीपीएस गाजियाबाद और बोकारो भी है. इनसे पूछा गया है कि क्यों न मान्यता रद्द कर दी जाए. इन्हें 15 से 30 दिनों के अंदर जवाब देना है. डीपीएस गाजियाबाद पर राइट टू एजुकेशन एक्ट के उल्लंघन का आरोप है. डीपीएस बोकारो पर एक ही दुकान से छात्र-छात्राओं को जूते खरीदवाने के आरोप हैं.
पिछले एक हफ्ते में सीबीएसई ने 7 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है. 6 स्कूलों को डाउनग्रेड किया है तो वहीं 44 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कानपुर में अभिभावकों ने निजी स्कूल के खिलाफ जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया. अभिभावकों का कहना है कि किताब और स्कूल ड्रेस के नाम पर जमकर लूटा जा रहा है.
वहीं भारी फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में हैदराबाद में बच्चों ने पीएम और सीएम को पोस्टकार्ड भेजकर स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि स्कूलों में फीस से लेकर किताब-कॉपी की मनमानी से पैरेंट्स परेशान हैं. बहुत से स्कूल हैं, जो नियमों की अनदेखी कर मनमानी पर उतर आए हैं. स्कूल फीस को लेकर अदालत का कहना है कि कोई कैपिटेशन फीस नहीं वसूली जा सकती.