श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में दो साल पहले बने बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में शामिल दोनों पार्टियों की राहें अलग-अलग हो सकती है. बीजेपी और पीडीपी राज्य में हिंसा, बढ़ते आतंकवाद और श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कम वोटिंग को लेकर एक-दूसरे के विरोध में बातें कर रही हैं.
पीडीपी कहती है कि घाटी के मौजूदा हालात पर बीजेपी की राजनीति टकराव को बढ़ाने वाली है, जबकि बीजेपी का कहना है कि पीडीपी तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी हाईकमान राज्य में राष्ट्रपति शासन पर जल्द फैसला ले सकती है. अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद महबूबा सरकार का नसीब तय हो सकता है. इस बीच, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती शनिवार को दिल्ली आकर बीजेपी के आला नेताओं से मिलने वाली हैं
बता दें कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और महबूबा के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने इस गठबंधन को ‘कश्मीर की जनता और शेष भारत’ के बीच हुआ गठबंधन बताया था. वहीं अब पीडीपी के एक नेता का कहना है कि यह गठबंधन दो विरोधी पार्टियों के बीच हुई एक असंगत साझेदारी थी.
बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी के एक मंत्री चंदर प्रकाश गंगा ने कहा था कि गद्दारों और पत्थरबाजों का इलाज गोलियों से किया जाना चाहिए. जबकि पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था और मंत्री भी अपने बयान से पलट गए थे.