नई दिल्ली : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जोरदार डांट लगाई है. कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया है कि जब कोर्ट ने आधार को अनिवार्य ना करने का आदेश दिया था तो इसे अनिवार्य क्यों किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि क्या फर्जी राशन कार्ड और फर्जी पैन कार्ड से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय आधार ही है? कोर्ट ने केंद्र से पूछा, ‘आप आधार कार्ड को जरूरी कैसे बना सकते हैं जब हमने इसे वैकल्पिक रखने का आदेश दिया था तो.’ अब सुप्रीम कोर्ट 26 अप्रैल को करेगा तय करेगा कि क्या IT एक्ट का 139 AA कानूनी है या नहीं.
कोर्ट के सवाल के जवाब में सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि जब आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया तो ये कानून नहीं बना था, सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही मोबाइल सिम कार्ड को आधार से जोड़ने को कहा है.
इनकम टैक्स रिटर्न में आधार कार्ड की अनिवार्यता के कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता सीपीआई के सदस्य और केरल के पूर्व विधायक बोनाय विसमान ने सुप्रीम कोर्ट से इस एक्ट को रद्द करने की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता, ये सिर्फ स्वैच्छिक है, लेकिन अब सरकार इनकम टैक्स रिटर्न के लिए भी आधार कार्ड मांग रही है, ये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्ंलधन है, ये लोगों के राइट टू प्राइवेसी के खिलाफ है.
याचिका में कहा गया है, ‘इनकम टैक्स के लिए पहले ही PAN कार्ड का प्रावधान मौजूद है और ऐसे में आधार कार्ड को अनिवार्य करना कोई जरूरी नहीं है. सरकार ने पहले आधार को मनी बिल के तौर पर पास किया जो खुद ही मनमाना और अंसवैधानिक है.’