नई दिल्ली: भारतीय पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि हमें पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की लोकेशन और हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, यह चिंता की बात है. पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव के केस की कानूनी प्रक्रिया चल रही है, अगर ऐसा है तो हम उनसे मिलना चाहेंगे.
कुलभूषण के मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 14 बार पाक से राजनयिक पहुंच की मांग की गई, लेकिन हमारे आग्रह को उन्होंने अनुसना कर दिया. बागले ने कहा कि हमें जाधव के स्वास्थ्य और उनके रहने की स्थिति के बारे में चिंता हो रही है. सरकार निर्दोष भारतीय नागरिक को न्याय दिलाने की कोई कोशिश नहीं छोड़ेगी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के डेप्युटी हाई कमिश्नर को विदेश मंत्रालय में बुधवार को बुलाया गया था. हम उनसे इस बात की जानकारी चाहिए थी कि जाधव को मामले में अगर कोई कानूनी कार्यवाही हुई है तो हम उसका सरकारी वर्जन देखना चाहेंगे. पाकिस्तान यह दावा करता रहा है कि जाधव के मामले में कानूनी कार्यवाही की गई है। हम भविष्य के कदमों के बारे में भी जानना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत ने कुलभूषण जाधव के पास राजनयिक पहुंच के लिए पाकिस्तान से 15 बार आग्रह किया है, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है. बागले ने कहा कि हमें जाधव के स्वास्थ्य और उनके रहने की स्थिति के बारे में चिंता हो रही है. उन्होंने कहा कि हम जाधव के लिए राजनयिक पहुंच और मुकदमे की सुनवाई की प्रक्रिया की जानकारी पर पाकिस्तान के औपचारिक जवाब की प्रतीक्षा है.
कौन है कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव मुंबई के रहने वाले हैं. कुलभूषण जाधव साल 1991 में नौसेना में अधिकारी के तौर पर कमीशन किए गए थे और 2013 में रिटायर हो गए. भारत सरकार के मुताबिक जाधव का कार्गो बिजनेस है और वो ईरान के चाबहार बंदरगाह से पाकिस्तान के कराची तक कार्गो लेकर आते थे. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने जाधव को पाकिस्तानी जल सीमा में पकड़ा और जासूस बताकर कब्जे में ले लिया.
यही नहीं, पिछले एक साल से कुलभूषण को कहां रखा, ये भी किसी को नहीं बताया. उनके खिलाफ मिलिट्री कोर्ट में कब सुनवाई हुई, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी. ऐसे में उन्हें वकील मुहैया कराने का उसका दावा बेतुका है. जबकि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी कह चुके हैं कि कुलभूषण के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं.