183 दिनों तक साइकिल चलाकर 21 हजार सैनिकों की शहादत को सलाम करने पहुंचा सेना का ये रिटायर्ड अफसर

हम अगर घर बैठकर चैन की नींद सोते हैं और अपने परिवार के साथ जिंदगी जीते हैं, तो उसका सारा श्रेय हमारे देश की सेना को जाता है. देश के जवान हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं, मगर हम इतने असंवेदनशील हो गये हैं कि उन्हें श्रद्धांजलि देना या सम्मान करना भी उचित नहीं समझते.

Advertisement
183 दिनों तक साइकिल चलाकर 21 हजार सैनिकों की शहादत को सलाम करने पहुंचा सेना का ये रिटायर्ड अफसर

Admin

  • April 20, 2017 12:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली: हम अगर घर बैठकर चैन की नींद सोते हैं और अपने परिवार के साथ जिंदगी जीते हैं, तो उसका सारा श्रेय हमारे देश की सेना को जाता है. देश के जवान हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं, मगर हम इतने असंवेदनशील हो गये हैं कि उन्हें श्रद्धांजलि देना या सम्मान करना भी उचित नहीं समझते. 

भारत की आजादी से लेकर अब तक शहीद हुए तमाम भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 58 साल के रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर मेजर जेनरल सोमनाथ झा ने एक अनोखा सफर तय किया है. इन्होंने भारत के सभी राज्यों की साइकिल यात्रा कर अनोखे तरीके से शहीदों को सम्मान दिया है. 
 
 
आजादी के बाद से अब तक भारत ने 21,000 जवानों को खोया है. उन सबको श्रद्धांजलि देने के लिए इस रिटायर ऑफिसर ने सभी राज्यों की साइकिल सवारी की. आपको बता दें कि सोमनाथ झा ने भारतीय सेना में 37 साल बिताए हैं और वे अब रिटायर हो चुके हैं. 
 
खास बात ये है कि इस उम्र में भी शहीदों के सम्मान और श्रद्धांजलि के लिए रिटायर्ड सोमनाथ झा 183 दिनों तक लगातार साइकिल चलाई. इन दिनों में उन्होंने 12000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा तय की. इस यात्रा के दौरान वे 29 राज्यों से गुजरे, जिसमें उन्हें 43582 मिनट का वक्त लगा. 
 
आपको बता दें कि इनकी यात्रा पिछले साल 16 अक्टूबर को अंबाला कैंट से शुरू हुई थी और लक्ष्य था कि सभी राज्यों की साइकिल यात्रा कर दिल्ली के इंडिया गेट पहुंचना. बुधवार को रिटायर्ड ऑफिसर सोमनाथ झा दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने इंडिया गेट पर पहुंच जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित किया और अपनी यात्रा को समाप्त किया. 
 
अगर आप इनकी यात्रा में लगे समय पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि इनकी यात्रा में लगने वाला समय हर एक शहीदों के लिए दो मिनट के मुताबिक था. इन्होंने फैसला किया था कि हर एक जवान की आत्मा की शांति के लिए वे दो मिनट अपना देंगे. 
 
गौरतलब है कि झा अपने रिटायरमेंट के 18 दिन बाद ही इस यात्रा पर निकल गये थे. इस दौरान उनकी पत्नी और और कई लोगों का साथ मिला. वे जहां से रिटायर हुए थे, वहीं से यात्रा की शुरुआत की. पूरे सात महीने की साइकिल यात्रा के दौरान इन्होंने पूरे भारत का दौरा कर लिया. 

Tags

Advertisement