Advertisement

आखिर सवा करोड़ बच्चे क्यों दिन भर भटकते हैं?

अर्धसत्य में कहानी ऐसे बच्चों की जिनका बचपन सड़कों पर बीत रहा है.  दरअसल सोशल मीडिया पर कई ऐसे बच्चों की वीडियो हैं जिनमे तमाम तरह की प्रतिभाए हैं लेकिन वह गरीबी और तंगहाली में अपनी जिंदगी काट रहे हैं. बात अगर मु्ंबई के रवि की करें तो वह  कम से कम 10 तरह की भाषा बोलता है. 

Advertisement
  • July 12, 2015 2:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. अर्धसत्य में कहानी ऐसे बच्चों की जिनका बचपन सड़कों पर बीत रहा है.  दरअसल सोशल मीडिया पर कई ऐसे बच्चों की वीडियो हैं जिनमे तमाम तरह की प्रतिभाए हैं लेकिन वह गरीबी और तंगहाली में अपनी जिंदगी काट रहे हैं. 

बात अगर मु्ंबई के रवि की करें तो वह  कम से कम 10 तरह की भाषा बोलता है. अपनी इस प्रतिभा का कमाल वह अपना सामान बेचने में करता है. रवि की प्रतिभा का लोहा मानते हुए उसको व्यक्तित्व विकास की क्लास लेने के लिए कई जगह बुलाया जाता है.

रवि की वीडियो को  दुनिया ने देखा है. रवि जैसे बच्चे हजारों हैं जो सड़कों की स्ट्रीट लाइट पर अपना बचपन काट रहे हैं. अर्धसत्य में इन्हीं भटकती प्रतिभाओं के मासूम बचपन की पड़ताल की गई.

Tags

Advertisement