लखनऊ : उत्तर प्रदेश के खादी और ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी के एक दिव्यांग को सरेआम बेइज्जत करने का मामला सामने आया है. पचौरी बुधवार को खादी ग्रामद्योग बोर्ड के दफ्तर का मुआयना करने पहुंचे थे. दफ्तर में संविदा पर काम कर रहे विकलांग सफाई कर्मचारी के सामने ही उन्होंने बोर्ड के सीईओ से कहा कि लूले-लंगड़े लोगों को संविदा पर रखा है? ये क्या सफाई करेगा? तभी यह हाल है सफाई का.
मंत्री पचौरी यही नहीं रुके. वह दूसरे तल पर पहुंचे तो कबाड़ का ढेर सामने दिख गया. मंत्री फिर बिफर गए. उन्होंने तुरन्त नजारत प्रभारी को बुलवाया और बोले कि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं और आपको सफाई करनी नहीं आती. शाम तक सफाई नहीं हुई तो सिर पर रखकर कूड़ा उठवाऊंगा.
बुधवार को पहुंचे दफ्तर बुधवार अल सुबह ही पचौरी लखनऊ के डालीबाग स्थित अपने दफ्तर पहुंचे और तुरंत मेन गेट बंद करा दिया. मंत्री जब गेट बंद करवाकर सीईओ के कमरे में पहुंचे तो सीसीटीवी में देखा कि गेट फिर खुल गया है और कर्मचारी आ रहे हैं. बायोमीट्रिक अटेंडेंस का डेटा शाम को ही मिल पाने की जानकारी मिलते ही उन्होंने गेट फिर बंद करवा दिया और खुद ही हर सेक्शन के कर्मचारियों की हाजिरी लेने लगे. मंत्री ने एक-एक नाम बुलाकर पुकारा. 173 में से 73 कर्मचारी गायब मिले.
सत्यदेव पचौरी कानपुर की गोविंद नगर सीट से जीत कर विधानसभा आए हैं. योगी आदित्यनाथ की मेहरबानी से खादी और ग्रामोद्योग का मंत्रालय मिला.
आपको बता दें कि योगी सरकार ने दिव्यांगों के सम्मान में विभाग नाम बदलकर दिव्यांगजन जनसशक्तिकरण विभाग कर दिया है. स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिव्यांगों को लेकर अपनी सोच जाहिर कर चुके हैं. इससे पहले पीछले साल केंद्र की बीजेपी की सरकार दिव्यागों के लिए संसद में एक बिल भी पास कर चुकी है. जिसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.