नई दिल्ली: एक महीना पूरा एक महीना हो गया यूपी में योगी सरकार को. मुख्यमंत्री का ऐलान था कि अब यूपी में दिन-रात काम होगा और मंत्री हों या अफसर सबके लिए वक्त से ऑफिस पहुंचना जरूरी होगा. हालांकि कोई भी बंदोबस्त ठीक करने के लिए एक महीने का समय काफी कम है फिर भी ये देखना जरूरी है कि इस एक महीने में यूपी के राज-काज में कितना सुधार हुआ मंत्रियों और बाबुओं का रूटीन कितना दुरुस्त हुआ.
आज योगी जी चौंक जाएंगे क्योंकि आज हम दिखाने जा रहे हैं यूपी के मंत्रियों और बाबुओं की लेट लतीफी का सबसे बड़ा रिएलिटी टेस्ट. योगी आदित्यनाथ का आदेश है कि यूपी के सभी मंत्री और अधिकारी सुबह साढ़े नौ बजे तक अपने अपने ऑफिस पहुंच जाएं. लेकिन हकीकत क्या है.
योगी जी का आदेश है कि यूपी के सभी थानों की सूरत सुधरनी चाहिए फरियादियों की हर शिकायत सुनी जानी चाहिए सच्चाई देख लीजिए.योगी राज में कितना बदला यूपी.
कितने मुस्तैद हैं योगी के मंत्री और अफसर. ये जानने के लिए इंडिया न्यूज ने लखनऊ के विधान भवन से लेकर बापू भवन और हजरतगंज थाने तक खास पड़ताल की. हमारे ये जानने की कोशिश की कि यूपी के मंत्री और अफसर वक्त के कितने पाबंद हैं.इस रियलिटी टेस्ट के दौरान हमने देखा कि अफसर और कर्मचारी तो थोड़ी बहुत लेट लतीफी के साथ फिर भी दफ्तर पहुंच जा रहे हैं पर मंत्री महोदय की गाड़ी का कोई अता-पता नहीं.सबसे बुरी हालत तो पुलिस थानों की है.
खासकर हजरतगंज थाना जहां खुद मुख्यमंत्री योगी ने जाकर बंदोबस्त सुधारने के निर्देश दिए थे. पर उसकी अटेंडेंस रिपोर्ट भी देख लीजिए.जब यूपी की राजधानी लखनऊ में ये हालत है तो बाकी जगहों का हाल क्या होगा.सुनिए अलीगढ़ के एडीएम साहब अपनी लेट लतीफी पर क्या सफाई दे रहे हैं.
यूपी के मंत्रियों और बाबुओं के सबसे बड़े रियलिटी टेस्ट की एक एक तस्वीर आपके सामने रखेंगे.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों और अफसरों से कहा था कि वो हर हाल में सुबह साढ़े नौ बजे तक ऑफिस पहुंच जाएं. योगी के आदेश का कितना पालन हो रहा है ये जानने के लिए हमने मंत्री और अफसर दोनों की अटेंडेंस का जायजा लिया. दिखाते हैं आपको कि जब हमारी टीम लखनऊ के विधान भवन पहुंची तो वहां क्या पाया.
विधान भवन में सुबह दस बजे तक हमें किसी भी मंत्री के दर्शन नहीं हुए. सबके कमरे में ताला लटका मिला. अलबत्ता अफसर और कर्मचारी जरूर अपने काम पर तैनात दिखे. हमने उनसे पूछा मंत्री जी कहां हैं क्या योगी सरकार में काम का दबाव ज्यादा है जबाव क्या मिला सुनवाते हैं आपको. विधान भवन के अलावा लखनऊ के बापू भवन में भी कई मंत्रियों और बाबुओं के दफ्तर हैं.