नई दिल्ली: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ फुल एक्शन में हैं. सूबे के विकास के लिए दिन-रात फैसले ले रहे हैं. इंडिया न्यूज़ भी लगातार पड़ताल कर योगी सरकार के सामने उन तस्वीरों को रख रहा है. जिन्हें दुरुस्त किया जाना है. उसी कड़ी में आज हम फिर यूपी की पढ़ाई लिखाई और सरकारी स्कूलों का रियलिटी टेस्ट कर रहे हैं.
सवाल भविष्य का है. सामने वर्तमान को मुंह चिढ़ाती हकीकत है. जिन गुरुजी के हाथ में यूपी के नौनिहालों का भविष्य है.उनके ज्ञान का भंडार कैसा है.मैडम लखनऊ जनपद के प्राथमिक विद्यालय निगोहां में टीचर हैं. हमने सामान्य ज्ञान के छोटे-मोटे सवाल पूछे तो मैडम टेंशन में आ गईं.
हमने इनको पहली क्लास में हिंदी पढ़ाते देखा. अब इस क्लास के बच्चों के ज्ञान का लेवल देखिए.इसके बाद हम पांचवीं क्लास में गए. जहां बच्चों ने गुड मॉर्निंग कहकर रिपोर्टर का अभिवादन किया. इस क्लास में मैडम सप्ताह से सातों दिन के नाम अंग्रेजी में पढ़ा रही थीं. लेकिन बच्चे अपना नाम तक अंग्रेजी में नहीं लिख पाए.
मैडम कह रही हैं कि बच्चों को वो बेसिक शिक्षा दे रही हैं. हमने भी छात्रों से बेसिक सवाल ही पूछे . लेकिन वो ये तक नहीं बता पाए कि हाथी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं. आपने प्राइमरी स्कूल की हालत देखी अब आपको लखनऊ में निगोहां के ही मिडिल स्कूल की हकीकत दिखाते हैं.
यहां टीचर को ये नहीं मालूम कि यूपी के राज्यपाल कौन हैं ? और छात्र फलों के नाम अंग्रेजी में नहीं बता पाते. स्कूल की इमारत तो चमचमा रही है.लेकिन अंदर टीचर और छात्र का सामान्य ज्ञान करीब करीब खोखला दिखता है.
जब हम इस स्कूल के सातवीं क्लास में दाखिल हुए तो मैडम क्लास में साइंस पढ़ा रही थीं. और उनका बच्चा कुर्सी पर बैठा था.हमें देखकर उन्होंने अपने बच्चे को कुर्सी से नीचे उतारा.