4 करोड़ गायों को मिलेगा आधार जैसा नंबर, 50 करोड़ खर्च करेगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार गायों की पहचान के लिए पहले चरण में 50 करोड़ खर्च करेगी. पहले चरण में करीब 4 करोड़ गायों को आधार जैसा नंबर जारी किया जाएगा.पशु की पहचान बताने वाले 12 अंकों के इस डिजिटल आधार कार्ड को देश में कहीं भी एक क्लिक पर देखा जा सकेगा. इसके लिए गायों के नाम, पते, फोटो, उनके दूध देने की क्षमता और स्वास्थ्य से जुड़ा रिकार्ड रखा तैयार किया जा रहा हैं. 

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4 करोड़ गायों को मिलेगा आधार जैसा नंबर, 50 करोड़ खर्च करेगी मोदी सरकार

Aanchal Pandey

  • February 4, 2018 4:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. मोदी सरकार इंसानों के 12 डिजिट के आधार नंबर की तरह ही गाय का आधार बनाने की तैयारी कर ली है. गाय के आधार के लिए इस साल आम बजट में पहले चरण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें 40 मिलियन पशुओं को आधार जारी किया जाएगा. पशु की पहचान बताने वाले 12 अंकों के इस डिजिटल आधार कार्ड को देश में कहीं भी एक क्लिक पर देखा जा सकेगा. इसके लिए गायों के नाम, पते, फोटो, उनके दूध देने की क्षमता और स्वास्थ्य से जुड़ा रिकार्ड रखा तैयार किया जा रहा हैं. 

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डेयरी विभाग के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कृषि मंत्रालय ने जो कार्यक्रम लागू किया है यह यूआईडी बेस्ड है. यह टेंपरप्रूफ है और इसके साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है साथ ही काफी सस्ता भी है. इसमें पॉलीयूरेथेन टैग हो जिसमें गाय का जैविक विवरण जैसे कि नस्ल, उम्र, लिंग, ऊंचाई और शरीर के विशेष निशान आदि का ब्यौरा होगा. एक कार्ड की कीमत 8 से 10 रुपये के बीच होगी. यह कार्यक्रम पशु संजीवनी स्कीम के तहत आता है जोकि डेयरीज एंड फिशरीज कार्यक्रम का हिस्सा है.

अधिकारी ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का जो लक्ष्य रखा है यह उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है. वहीं अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार का किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य काफी मुश्किल है क्योंकि अधिकांश किसानों के पास बहुत कम जमीन है, जिससे ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बजट स्पीच में मतस्य पालन और एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए 10000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. देश में सभी मवेशियों को “अपग्रेड” करने के उद्देश्य से मवेशी नस्लों को बेहतर बनाने के लिए एक कृत्रिम गर्भनाल अभियान के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये अलग रखा गया है.

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