Pulwama Attack नई दिल्ली. Pulwama Attack आज पुलवामा अटैक को तीन साल पूरे हो गए है. 14 फ़रवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2500 से ज़्यादा जवानो को लेकर 78 बसों में सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला गुजर रहा था. काफिला पुलवामा पंहुचा ही था, कि तभी दूसरी ओर से आ रही एक एसयूवी गाड़ी […]
नई दिल्ली. Pulwama Attack आज पुलवामा अटैक को तीन साल पूरे हो गए है. 14 फ़रवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2500 से ज़्यादा जवानो को लेकर 78 बसों में सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला गुजर रहा था. काफिला पुलवामा पंहुचा ही था, कि तभी दूसरी ओर से आ रही एक एसयूवी गाड़ी सीआरपीएफ की एक बस से टकराई। बस में बैठा ड्राइवर या जवान कुछ कर ही पाते कि उससे पहले वहां इतना भयानक ब्लास्ट हुआ कि आस-पास मौजूद सब लोगों के रौंगटे खड़े हो गए. ब्लास्ट इतना खौफनाक था कि इसमें सेना के 40 जवान शहीद हो गए.
धमाका इतना डरावना था, कि आस-पास कुछ देर धुआं-धुआं हो गया, वहां का दृश्य इतना भयावह था कि इसे देख पूरा देश रो पड़ा. उस दिन पुलवामा में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जवानों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे. चारों तरफ खून ही खून और जवानों के शरीर के टुकड़े दिख रहे थे. इस घटना से पूरे देश में हाहाकार मच गया था.
इस हमले के बाद सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि काफिले में करीब 70 बसें थीं और इसमें से एक बस हमले की चपेट में आ गई. काफिला जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था. हैरानी वाली बात यह थी कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ने टेक्स्ट मैसेज भेज कर ली थी. जैश ने यह मैसेज कश्मीर की न्यूज एजेंसी जीएनएस को भेजा था.