नई दिल्ली : पुलिस भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीर हो गया है. जिसके चलते कोर्ट ने 6 राज्यों के अफसरों को तलब किया है. देश के 6 राज्यों में पुलिस कर्मियों की भर्ती के मामले में कोर्ट ने यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल के अफसरों को 21 अप्रैल को तलब किया है. मामले की सुनवाई करते हुए CJI खेहर ने कहा कि ये मामला 2013 से लंबित है लेकिन इन राज्यों में कुछ नहीं हुआ. नोटिस भेजने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया अब कोर्ट इस मामले पर निगरानी करेगा और भर्तियों पर नजर रखेगा.
कोर्ट ने कहा कि राज्यों के चीफ सेकेट्री इस मामले में ज्वाइंट सेकेट्री रैंक के अफसर को रोडमैप के साथ भेजे. CJI ने यूपी से कहा- आप लोगों को रोजगार क्यों नहीं देते। इतने पद खाली हैं. हालांकि यूपी ने कहा कि इसके प्रयास जारी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 151679, बिहार में 34000, झारखंड में 26303, कर्नाटक में 24399, तमिलनाडू में 19803 और बंगाल में 37325 पुलिसकर्मियों की जरुरत है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर नाराजगी जताई थी. CJI खेहर ने कहा था कि कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पुलिस के सभी पदों पर नियुक्तियां जरूरी हैं. सभी राज्यों के होम सेकेट्री तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताएं कि पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के लिए वो क्या कर रहे हैं? कितने पद खाली हैं? केंद्र सरकार एक हफ्ते के भीतर सभी राज्य सरकारों को कोर्ट का से आदेश भेजे. कोर्ट ने दी चेतावनी, जो राज्य हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे उनके होम सेकेट्री कोर्ट में तलब होंगे.
जस्टिस खेहर ने कहा कि 2015 का रिकार्ड बताता है कि देश में 4 लाख 33 हजार पुलिसकर्मियो की कमी है. 2014 में छतीसगढ का कहना था कि उनके यहां 3800 पद खाली हैं और अब सरकार बता रही है कि 10000 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति होनी है. ऐसे में अब सब राज्य कोर्ट को बताएं कि उनके यहां कितने पद खाली हैं और क्या हो रहा है. दरअसल कोर्ट देश भर की पुलिस के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
याचिका में कहा गया है कि सभी सरकारी विभागों के लिए कमिशन बनाए गए हैं और सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन पुलिस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. देश में करीब 50 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है और पुलिसवालों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. इसकी वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में दिक्कत हो रही है.