नई दिल्ली: पूरे देश के कई राज्य में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में जैसे-जैस गर्मी का पारा बढ़ता जाता है मौसम विभाग लोगों को अलर्ट करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि अलर्ट जारी करने के लिए अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल किया जाता है.
राजधानी में मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य तापमाना से पांच डिग्री ज्यादा है. राजधानी में पिछले पांच सालों से अप्रैल महिने में इतनी गर्मी नहीं पड़ी.दिल्ली के पालम इलाके में सबसे ज्यादा गर्म रही, यहां पारा 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा.
गुजरात में जारी ऑरेंज अलर्ट-
वहीं गुजरात के कच्छ के भुज में पिछले करीब 125 वर्ष से गुरुवार जैसी गर्मी नहीं पड़ी है. यहां तापमान 45.8 डिग्री पहुंच गया. इसी तरह से गर्मी ने राजकोट में भी ऑल टाइम रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अप्रैल महीने की यह सबसे ज्यादा गर्मी है. प्रदेश के कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेन्टीग्रेड या उससे अधिक रहा. जिससे ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक और भी गर्मी बढ़ सकती है. जैसा मौसम का स्टेटस होता है वैसे ही लोगों को अलर्ट कर दिया जाता है. आपको बताते हैं कौन सा अलर्ट किस रंग के लिए होता है.
येलो अलर्ट- येलो अलर्ट हमें होने वाले खतरे से अवगत कराता है. जब मौसम गर्म होने वाला होता है तो लोगों को अवेयर करने के लिए येलो अलर्ट किया जाता है. इससे उस जगह के लोगों को यह बात पता चल जाती है कि मौसम में कुछ हलचल होने वाली है.
ऑरेंज अलर्ट-मौसम का ये स्टेटस आपको अलर्ट करता है कि अब खतरे से बचने के लिए तैयार हो जाइए. गर्मी में ऑरेंज अलर्ट का मतलब है की अब गर्मी और भी बढ़ने वाली है. इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं, धूप में बाहर जितना कम हो सके उतना कम निकलें.
रेड अलर्ट-रेड अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम गंभीर है. मौसम से दुर्घटना भी हो सकती है. इसी वजह से रेड अलर्ट पर हॉस्पिटल्स में 24 घंटे सेवा उपलब्ध रहती है. जगह-जगह जल विभाग के टैंकर लगवाए जाते हैं ताकि भीषण गर्मी में कोई दुर्घटना ना हो.
इस तरह रहें आप भी अलर्ट– हमेशा बाहर निकलते समय पानी जरूर पिएं और पानी की एक बोतल अपने साथ लेकर चलें. धूप से तुरंत आकर ठंडा पानी न पीएं. बाहर जूस पीने से यह अच्छा है कि घर में ही फल लाकर उसका जूस बना लें. देर तक कटे रखे फलों का सेवन न करें.