शिवलिंगों के स्वामी लिंगराज मंदिर में रविवार को दर्शन करेंगे PM मोदी

पीएम मोदी के महादेव 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल तो नहीं हैं लेकिन इसकी मान्यता किसी ज्योतिर्लिंग से कहीं ज्यादा खास है. इन्हें सभी शिवलिंगों का राजा भी कहा जाता है.

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शिवलिंगों के स्वामी लिंगराज मंदिर में रविवार को दर्शन करेंगे PM मोदी

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  • April 15, 2017 5:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: पीएम मोदी के महादेव 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल तो नहीं हैं लेकिन इसकी मान्यता किसी ज्योतिर्लिंग से कहीं ज्यादा खास है. इन्हें सभी शिवलिंगों का राजा भी कहा जाता है. चौदह सौ साल पुराने इस शिवमंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां के सरोवर में देश की सभी पवित्र नदियों का जल मिला है. पीएम मोदी रविवार सुबह यहां दर्शन करने के लिए जाने वाले हैं. 
 
ये मंदिर दुनिया के तमाम शिवमंदिरों में सबसे अलग और सबसे खास है क्यों कि इसे देश के सभी ज्योतिर्लिंगों का स्वामी कहा जाता है. यहां के दर्शन से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महाशिवरात्रि के मौके पर अलौकिक ज्योति को मंदिर के शिखर पर क्यों पहुंचाया जाता है. लिंगराज मंदिर में पीएम मोदी अपनी विशेष पूजा में क्या-क्या करने वाले हैं.
 
PM मोदी कार्यक्रम
रविवार सुबह करीब 9 बजे पीएम भुवनेश्वर के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में पहुंचेंगे
इसके बाद वो मंदिर में भगवान शिव के लिंगराज रूप के दर्शन करेंगे
मंदिर के मुख्य पुजारियों का दल इस दौरान श्लोक का पाठ करेगा
जलाभिषेक के बाद वो मंदिर में मौजूद दूसरे ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करेंगे
 
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो लिंगराज मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं. लिंगराज मंदिर और गर्भगृह में न तो कैमरा ले जाने की अनुमति है और ना ही यहां की तस्वीरें ली जा सकती हैं. मुख्य मंदिर में 8 फीट मोटा और करीब 1 फीट ऊंचा ग्रेनाइट पत्थर का स्वयंभू शिव लिंग विराजमान हैं. 
 
तीनों लोकों के स्वामी भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित ये मंदिर 12 ज्यतिर्लिंगों में शामिल तो नहीं है लेकिन यहां की मान्यता किसी ज्योतिर्लिंग से कम नहीं है. कई धार्मिक ग्रंथों में भी लिंगराज मंदिर का जिक्र किया गया है. कहा जाता है कि यहीं पर माता पार्वती ने लिट्टी और बसा नाम के दो राक्षसों का बध किया था. 
 
राक्षसों के साथ हुए इस संग्राम के बाद जब माता पार्वती को प्यास लगी, तो शिवजी ने एक कुआं बनाकर सभी पवित्र नदियों को इसमें आने को कहा. आज भी मंदिर के पास बिंदूसागर सरोवर को लेकर मान्यता है कि यहां देश भर के सभी पवित्र नदियों का जल समाहित है. मान्यता है कि यहां स्नान से इंसान तमाम पापों से मुक्ति पा लेता है.
 
लिंगराज मंदिर कुछ कठोर मान्यताओं के लिए भी जाना जाता है. मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी और धर्म के लोगों के जाने की अनुमति नहीं है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर साफ साफ लिखा है- केवल हिंदू श्री लिंगराज मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि मंदिर के बगल में ये ऊंचा चबूतरा बनाया गया है, जिसके जरिए दूसरे धर्म के लोग मंदिर के दर्शन कर सकें.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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