श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से ट्विटर पर सेना की जीप के सामने बंधे कश्मीरी युवक की वीडियो शेयर करने के बाद से ही यह मामला गरमाया हुआ है. इंडिया न्यूज़ की EXCLUSIVE ख़बर में इस वायरल वीडियो का सच सामने आया है. जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पोलिंग पार्टी को बचाने के लिए एक पत्थरबाज को गाड़ी से बांधा गया था.
दरअसल बडगाम में पोलिंग पार्टी के करीब 9 लोगों को करीब 1200 पत्थरबाजों ने घेर लिया था. वो उन्हें पीट-पीट कर मारने की धमकी दे रहे थे. मतदान केंद्र पर मौजूद ITBP ने सेना से मदद मांगी. सेना की गाड़ी जब वहां पहुंची तो करीब 1200 लोग हाथों में बड़े-बड़े पत्थर लिए मौजूद थे. तभी सेना एक पत्थरबाज को गाड़ी की बोनट से बांधा और पोलिंग पार्टी को बचाया गया.
26 साल के फारुख अहमद डार ने इंग्लिश न्यूज़पेपर इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में घटना के बारे में पूरी जानकारी बताई है. डार का कहना है कि वह कोई पत्थरबाज नहीं है, बल्कि वह तो शॉल में कढ़ाई-बुनाई करके पैसे कमाता है. कश्मीरी युवक ने कहा, ‘मैं कोई पत्थरबाज नहीं हूं, मैंने मेरी जिंदगी में कभी भी पत्थरबाजी नहीं की है. मैं तो शॉल में कढ़ाई का काम करता हूं और मैं थोड़ी बहुत बढ़ईगीरी भी जानता हूं, यही मेरा काम है.’
डार अपनी 75 वर्षीय बूढ़ी मां के साथ रहता है, उसकी मां अस्थमा की मरीज हैं. डार ने उस घटना के बारे में बात करते हुए बताया, ‘9 अप्रैल के दिन मैं अपने कुछ साथियों के साथ श्रीनगर में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहा था. मेरे रिश्तेदार की मौत हो गई थी, इस वजह से मैं वहां जा रहा था, लेकिन आर्मी के जवानों ने रास्ते में ही मेरी बाइक रोक ली और मुझे जीप के सामने बांध दिया.’
उन्होंने मुझे मारा फिर जीप के सामने बांधा. मुझे 9 गांवों तक घुमाने के बाद एक स्थानीय सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया और वहां मुझे खोला गया. इसके बाद मुझे कैंप में भी बैठे रहना पड़ा.’ डार ने आगे बताया कि जीप में घुमाते वक्त सेना के जवान गाड़ी से चिल्ला रहे थे- आओ अपने ही आदमी पर पत्थरबाजी करो.