नई दिल्ली: रेत पर उंगलियों का जादू दिखाकर देश के महान लोगों को उस पर उतारने वाले यानि उनकी मूर्तियां बनाने वाले सुदर्शन पटनायक को कौन नहीं जानता. आज इस महान सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक का जन्मदिन है.
सुदर्शन पटनायक ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विदेशों में भी कला का लोहा मनवा चुके हैं. इसके लिए सुदर्शन को कई देशी व विदेशी पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है. लेकिन यहां तक का सफर तय करना उनके लिए इतना आसान नहीं था.
सुदर्शन पटनायक 15 अप्रैल 1977 को उड़ीसा के एक गरीब परिवार में जन्में थे. यहां तक की महज आट साल की उम्र में उन्हें गरीबी के कारण स्कूल भी छोड़ना पड़ा था. सुदर्शन के पिता ने अपने परिवार को छोड़ दिया था, जिसके बाद उनका घर उनकी दादी के पेंशन से चलता था.
इसके बाद छोटी उम्र से ही उन्होंने पुरी की बीच पर रेत पर मूर्तियां बनानी शुरू कर दी. आयदिन वो वीच पर रेत से मूर्तियां बनाते रहते थे. लोग उन्हें देखते रहते थे और उनकी तारीफ करते थे.
वक्त गुजरता गया और वो कला में निपुण हो गए. उन्होंने देश के सभी महानुभावों को रेत पर उतार दिया. आज अपनी मेहनत के बलबूते पूरी दुनिया को अपनी कला का मुरीद बना दिया है. सुदर्शन पटनायक पटनायक वो अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.