नई दिल्ली: पाकिस्तान में कथित जासूसी के आरोप में भारतीय नागरीक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा से बचाने के लिए भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं. भारत ने इस सिलसिले में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की और उच्चायोग के अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की एक बार फिर इजाजत मांगी है.
इस मुलाकात में गौतम बंबावाले ने तहमीना जंजुआ से कुलभूषण के खिलाफ दायर चार्जशीट और सैन्य अदालत द्वारा दिए गए फैसले की दो कॉपी मांगी है. भारत सरकार जाधव की फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने की तैयार कर रहा है, साथ ही पाकिस्तान के कानून का भी अध्ययन कर रहा है. इससे जाधव को फांसी की सजा से रोक पाएं.
बंबावाले ने पाकिस्तानी विदेश सचिव के सामने एक बार फिर काउंसलर ऐक्सेस का मुद्दा भी उठाया. भारत ने पाकिस्तान से 14वीं बार काउंसलर ऐक्सेस मांगा है, लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है, इसलिए उनसे मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती. हालांकि भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत हमको जाधव को मिलने की इजाजत है.
भारत भले ही कुलभूषण को बचाने की कोशिश में जुटा हो लेकिन पाक अपने फैसले पर अड़ा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कुलभूषण जाधव की फांसी को सही ठहराया है. अगर एक निर्दोष इंसान हैं तो वह अपने पास दो पासपोर्ट क्यों रखेगे? उनके पास से एक हिंदू नाम से और दूसरा मुस्लिम नाम से पासपोर्ट मिला है.
अजीज ने भारत के दावे को भी नकार दिया कि जिसमें जाधव जासूस नहीं, कोराबारी थे. काउंसलर ऐक्सेस के मुद्दे पर अजीज ने कहा कि पाकिस्तान के कई कैदियों को लेकर भी भारत का व्यवहार भी ऐसा ही रहा है. अजीज ने कहा कि पाकिस्तान में सभी सियासी पार्टियां इस पर राजी है कि जाधव को फांसी देनी चाहिए. इसमें कोई दो राय नहीं कि वो RAW के लिए काम कर रहा था. हम अपने देश के कानून के हिसाब से काम किया है.