नई दिल्ली: न्यायपालिका की अवमानना के आरोपों का सामना कर रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायधीशों के खिलाफ समन जारी किया है. समन में चीफ जस्टिस के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय के सात न्यायधीशों को 28 अप्रैल तक अपनी अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है.
सीएस कर्णन ने गुरुवार को समन जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम का उल्लंघन किया है. इसलिए उनके खिलाफ समन जारी किया गया है. आपको बता दें कि न्यायधीश कर्णन ने आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन सर्वोच्च न्यायलय ने जस्टिस कर्णन की सभी प्रशासनिक एवं न्यायिक शाक्तियां पहले से ही छीन रखी है. ऐसे में उनके आदेश की वैधानिकता स्पस्ट नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के इन सातों न्यायधीशों ने खुद ही संज्ञान लेते हुए जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बाद 31 मार्च 2017 को शीर्ष अदालत के सामने पेश भी हुए थे. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनका अपना जवाब देने के लिए 4 सप्ताह तक का समय दिया है.
गुरुवार को जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के जजों को समन जारी करते हुए कहा कि सभी सातों जज 28 अप्रैल को 11.30 बजे मेरे कोलकाता के न्यू टाउन में रोजडेल स्थित आवास पर अपना जवाब दें, क्योंकि अब मेरा अवास ही अब मेरी अस्थायी अदालत है.
न्यायालय की अवमानना मामले में जस्टिस कर्णन का नाम उस समय सामने आया था जब उन्होंने खुद ही पीएम मोदी के पत्र लिखकर भ्रष्ट जजों पर कार्रवाई करने को कहा था. जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट 20 जजों के नाम भी उसमें शामिल था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्व संज्ञान लिया.