नई दिल्ली: बलूच नेताओं ने कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने पर पाकिस्तान की आलोचना की है. बलूच नेताओं ने इस कदम अमानवीय और गैरकानूनी बताया है. बलूच नेता मेहरान मारी ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को फांसी पर चढ़ाने का कदम पाकिस्तान के लिए पाप की तरह है. उन्हें बचाने के लिए भारत को हर कदम उठाना चाहिए.
वहीं बलूच रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य अशरफ शेरजान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि पाकिस्तान से जाधव को बचाने के लिए सरकार को सभी संभव कदम उठाने चाहिए. शेरजान ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया भर में जाधव को भारतीय जासूस साबित करने के लिए भारत का दुष्प्रचार चला रहा है. पाकिस्तान भारतीय नागरिक को बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के झूठे खबर का प्रचार कर रहा है.
शेरजान ने कहा कि भला ऐसा कौन सा जासूस होता है कि वह अपने साथ देश का आईडी कार्ड रखकर घूमता हो? शेरजान ने यह भी कहा कि अगर जाधव का बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों से कोई रिश्ता था भी तो पाकिस्तान के किसी कोर्ट को उन्हें फांसी देने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक को सजा देने का हक पाकिस्तानी अदालत को नहीं हो सकता है.
कुलभूषण के लिए देशभर ने मांगी दुआएं
कुलभूषण मामले पर जम्मू में लोगों ने पाक के खिलाफ प्रदर्शन किया. लोगों ने पाक पीएम नवाज शरीफ का सिर काटने वाले को 10 लाख इनाम देने का एलान भी किया. कुलभूषण जाधव की सलामती के लिए देश भर में दुआ मांगी जा रही है. वाराणसी में लोगों ने उनके लिए हवन किया और सरकार से उन्हें बचाने की अपील की.
कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान में मुस्लिम समुदाय के लोगो ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी के अल्पसंख्यक विंग के लोगो की मांग की पाकिस्तान कुलभूषण को छोड़े नही तो भारत के मुसलमान पाकिस्तान के खिलाफ उग्र हो जाएंगे.
कौन है कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव मुंबई के रहने वाले हैं. कुलभूषण जाधव साल 1991 में नौसेना में अधिकारी के तौर पर कमीशन किए गए थे और 2013 में रिटायर हो गए. भारत सरकार के मुताबिक जाधव का कार्गो बिजनेस है और वो ईरान के चाबहार बंदरगाह से पाकिस्तान के कराची तक कार्गो लेकर आते थे. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने जाधव को पाकिस्तानी जल सीमा में पकड़ा और जासूस बताकर कब्जे में ले लिया.
यही नहीं, पिछले एक साल से कुलभूषण को कहां रखा, ये भी किसी को नहीं बताया. उनके खिलाफ मिलिट्री कोर्ट में कब सुनवाई हुई, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी. ऐसे में उन्हें वकील मुहैया कराने का उसका दावा बेतुका है. जबकि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी कह चुके हैं कि कुलभूषण के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं.