लखनऊ: योगी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में अनियमितता मामले में कड़ी कार्रवाई की है. यूपी सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के सहायक इंजीनियर अनिल कुमार को सस्पेंड कर दिया है. फिलहाल गोमती मामले की जांच चल रही है.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 मार्च को गोमती रिवर फ्रंट का दौरा किया था और उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. साथ ही उन्होंने रिवर फ्रंट से जुड़े अधिकारियों और इंजीनियर से उन्होंने परियोजना के बारे में जानकारी ली थी. योगी ने सख्त लहजे में कहा कि फिजूलखर्जी बंद कर दीजिए. योगी ने अफसरों से गोमती रिवर फ्रंट पर अब तक खर्च हुए 1427 करोड़ रुपए का हिसाब मांगा.
योगी के सवालों में उलझे चीफ इंजीनियर
योगी के एक सवाल का जवाब चीफ इंजीनियर के पास भी नहीं था. योगी ने आते ही पूछा कि गोमती का पानी क्यों गंदा है ? ये भी कहा कि क्या सारे पैसे पत्थरों मे लगा दिए ? योगी ने पूछा कि रिवर फ्रंट परियोजना में 6 किमी तक नदी को वाकई में 3 मीटर गहरा गहरा किया गया है या ऐसा सिर्फ कागज पर हुआ है. मैं एक-एक पैसे का हिसाब लूंगा.
योगी ने कहा कि अगर इतनी मिट्टी निकली तो फेंकी कहां गई? गोमती को कितना गहरा किया गया? योगी ने मई तक पानी साफ करने के निर्देश दिए. उन्हें प्रोजेक्ट की लागत पर भी हैरानी हुई. लिहाजा उन्होंने कहा कि इसे ठीक कीजिए. योगी के अलावा रीता बहुगुणा जोशी, दिनेश शर्मा और सुरेश खन्ना ने भी चीफ इंजीनियर से पूछताछ की.
क्या है गोमती रिवर फ्रंट ?
दरअसल, रिवर फ्रंट के तहत लखनऊ में गोमती नदी के दोनों किनारों का सौंदर्यीकरण किया गया है. यहां जॉगिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया, स्टेडियम, और लाइटिंग के इंतजाम हैं. लखनऊ में कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक करीब 12 किमी का रिवरफ्रंट बना है. ये प्रोजेक्ट लंदन की टेम्स नदी की तर्ज पर बनाया जा रहा है. इसका काम मई 2017 तक पूरा होना था लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इस प्रोजेक्ट पर 1437 करोड़ मिला था और अब 1427 खर्च कर चुके हैं.