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संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने नोट, जमा करने का एक और मौका दे सकता है सुप्रीम कोर्ट

अगर आपके पास बंद हो चुके पुराने नोट है, जोकि आप बैंक में जमा नहीं कर सकें है, तो ऐसे लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर से मौका दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट जुलाई में यह तय करेगा कि जो लोग उचित कारणों से 30 दिसंबर 2016 तक पुराने नोट बंद नहीं कर सके, क्या ऐसे लोगों को एक और मौका दिया जाना चाहिए या नहीं.

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  • April 12, 2017 6:06 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : अगर आपके पास बंद हो चुके पुराने नोट है, जोकि आप बैंक में जमा नहीं कर सकें है, तो ऐसे लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर से मौका दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट जुलाई में यह तय करेगा कि जो लोग उचित कारणों से 30 दिसंबर 2016 तक पुराने नोट बंद नहीं कर सके, क्या ऐसे लोगों को एक और मौका दिया जाना चाहिए या नहीं. 
 
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस मुद्दे पर सरकार की ओर से हाल में दाखिल हलफनामे का जिक्र किया और कहा कि हमने वजह बताई कि हम यह सुविधा क्यों नहीं देना चाहते. रोहतगी ने कहा कि मैं अदालत के आदेश से बंधा हूं. व्यक्तिगत स्तर पर अलग सुविधा नहीं हो सकी. यदि अदालत राहत देती है तो यह सभी के लिए होना चाहिए.
 
कोर्ट की पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अब पुराने नोटों को स्वीकार नहीं किया जाएगा. केंद्र की ओर से कहा गया कि वो कानूनी तौर पर बंधे हुए हैं. पुराने नोटों को स्वीकारने के लिए संसद में कानून को बदलना होगा.
 
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण और एसके कौल वाली बेंच ने कहा कि नोटबंदी के मसले पर केंद्र के हलफनामें के प्रति जवाब दाखिल करने के मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से वक्त मांगा गया था. जिसे कोर्ट की ओर से स्वीकार कर लिया गया.
 
कोर्ट सुधा मिश्रा नाम की एक महिला की ओर से दाखिल याचिका सहित कई अन्य अर्जियों पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें 500 और 1000 रूपए के चलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलवाने के लिए 31 मार्च तक का समय आम लोगों को नहीं देने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी गई है.

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