नई दिल्ली. पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को फांसी के सजा ऐलान के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. संसद में कांग्रेस ने पीएम मोदी की लाहौर यात्रा को निशाना बनाया है. इस मुद्दे पर सरकार की ओर से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा बयान दिया है कि कुलभूषण को बचाने […]
नई दिल्ली. पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को फांसी के सजा ऐलान के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. संसद में कांग्रेस ने पीएम मोदी की लाहौर यात्रा को निशाना बनाया है.
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा बयान दिया है कि कुलभूषण को बचाने के लिए सरकार को कुछ भी करना पड़े किया जाएगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार फांसी की निंदा करती है. कुलभूषण के जासूस होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. वह तो तेहरान बिजनेस करने गए थे.
राजनाथ सिंह के बयान की बड़ी बातें
1- कुलभूषण तेहरान बिजनेस करने के लिए गए थे.
2- फांसी की सजा को भारत सरकार निंदा करती है.
3- एक जासूस भारतीय पासपोर्ट क्यों रखेगा
4- कुलभूषण जाधव के साथ न्याय होगा.
5- कुुलभूषण जाधव के जासूस होने का कोई सवाल ही नहीं.
6- जाधव के मुद्दे पर सुषमा स्वराज बयान देंगी.
7- कुलभूषण को छुड़ान के लिए सरकार को कुछ भी करना पड़े, किया जाएगा.
आपको बता दें कि इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की लाहौर यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा था कि कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर भारत सरकार ने पाकिस्तान से बात की क्यों नहीं की है.
खड़गे ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ा है. वहीं असुद्दीन ओवैसी ने भी पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान की अदालत ‘बनाना कोर्ट’ है उसने बिना कोई ठोस सबूत होते हुए भी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुना दी है.
ओवैसी ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर जाधव को बचाना है. सरकार को सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान से कुलभूषण को वापस लाना चाहिए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय जासूस होने का झूठा आरोप लगाकर उनको फांसी की सजा सुना दी. वह ईरान में बिजनेस करने थे.
वहीं पर उनको पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया और पाकिस्तान ले आई थी.
क्या हैं पाकिस्तान के आरोप
1- 3 मार्च 2016 को जब कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया गया था तो वह भारतीय नौसेना में कमांडर थे.
2- उन्होंने अदालत में माना कि वह रॉ के एजेंट थे. जाधव ने नाम बदलकर हुसैन मुबारक पटेल नाम रखा था.
3- भारतीय खूफिया एजेंसी ने उन्हें कराची और बलूचिस्तान भेजा था.
4-ईरान के रास्ते जब वह पाकिस्तान पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.