नई दिल्ली : श्रीनगर में भारी हिंसा के बीच संपन्न उपचुनाव के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार श्रीनगर में उपचुनाव कराने के लिए वहां परिस्थितियां माकूल नहीं थीं औ चुनाव आयोग ने श्रीनगर सीट पर उपचुनाव केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सुझाव के ख़िलाफ़ करवाया था. केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने मंत्रालय से 300 कम्पनियों की मांग की थी. मंत्रालय ने ये कंपनियां उपचुनाव के लिए उपलब्ध कराईं थीं. लेकिन बावजूद इसके हिंसा बहुत ज़्यादा हुई.
बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि घाटी में फ़िलहाल माहौल ठीक नहीं है. एक अधिकारी के अनुसार 10 मार्च को उपचुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मंत्रालय ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अभी घाटी में चुनाव के लिए माहौल ठीक नहीं है. साथ ही मंत्रालय ने उपचुनाव को राज्य में होने वाले पंचायत के चुनावों के बाद कराने की सलाह दी थी. लेकिन चुनाव आयोग ने मंत्रालय की अनदेखी कर दी.
बता दें कि रविवार (9 अप्रैल) को कश्मीर में हिंसा की लगभग 200 घटनाएं दर्ज की गयीं, जिनमें करीब सौ सुरक्षाकर्मियों के साथ करीब डेढ़ सौ लोग घायल हो गये थे. मंत्रालय के मुताबिक़ कुल मिलाकर घाटी में 190 हिंसक वारदातें यानी पत्थर फेंकने की वारदातें हुईं, 120 पोलिंग बूथ में तोड़ फोड़ की गई, 24 EVM लूटी गई, दो स्कूल जलाए गए, आठ लोग मारे गए और 150 घायल हुए. दरअसल, उपचुनाव का बहिष्कार करने के अलगाववादियों के आह्वान के बाद प्रदर्शनकारियों ने उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्रों को निशाना बनाकर उत्पात मचाया था.