जन्मदिन विशेष: धोती-कुर्ता पहनकर घूमने वाले महान चित्रकार जैमिनी रॉय ने इन पेंटिंग्स में दिखाई थी असली भारत की खूबसूरती

जैमिनी राय का नाम विश्व के महान चित्रकारों में गिना जाता है. जैमिनी राय अपने समय के आधुनिक कलाकारों में से एक थे. जैमिनी राय अधिकांश ‘भारतीय विषय’ से प्रेरित चित्रकारी किया करते थे.

Advertisement
जन्मदिन विशेष: धोती-कुर्ता पहनकर घूमने वाले महान चित्रकार जैमिनी रॉय ने इन पेंटिंग्स में दिखाई थी असली भारत की खूबसूरती

Admin

  • April 11, 2017 4:59 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: जैमिनी राय का नाम विश्व के महान चित्रकारों में गिना जाता है. जैमिनी राय अपने समय के आधुनिक कलाकारों में से एक थे. जैमिनी राय अधिकांश ‘भारतीय विषय’ से प्रेरित चित्रकारी किया करते थे.
 
 
पश्चिम बंगाल में जन्में इस महान कलाकार की जयंती गूगल एक विशेष डूडल बनाकर मना रहा है. जैमिनी राय की कला को देखते हुए उन्हें 1955 में भारत सरकार ने उन्हें पदम भूषण सम्मान से नवाजा था.
 
Image result for www.jamini roy.com
 
जैमिनी राय का जन्म 11 अप्रैल, 1887 में पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा ज़िले में एक छोटे से गांव ‘बेलियातोर’ में हुआ था. वो एक समृद्ध ज़मीदार परिवार में जन्में थे. उनका शुरूआती जीवन अपने गांव में बीता. जिसने उन्हें चित्रकारी के प्रचि रूची जगाई. इसके बाद 16 साल की आयु में जैमिनी राय ने कोलकाता के ‘गवर्नमेंट स्कूल ऑफ़ आर्ट्स’ में दाखिला लिया. यहाँ उन्होंने मौजूदा शैक्षिक पद्धति में पेंट करना सीखा.
 
 
जैमिनी राय अवनींन्द्रनाथ ठाकुर के प्रिय शिष्यों में से एक थे. उनके चित्रों की विषय वस्तु में मां बेटा, पशुपक्षी व रामायण के दृश्यों और राधा–कृष्ण की प्रमुखता है. खास बात यह है कि जैमिनी राय सस्ते यूरोपीय रंगों के स्थान पर खुद बनाए गए मंहगे रंगों का प्रयोग करना पसंद करते थे. इसके अलावा कैनवस पर अंकित तैलचित्रों की अपेक्षा कागज या ताड़ पत्र पर बनाये गये उनके ये चित्र काफी आकर्षक लगते थे.
 
 
जैमिनी राय अपने समय के महान कलाकार बन चुके थे. देश-विदेश में वो अपनी पहचान कायम कर चुके थे. इसके बावजूद वो अपनी पेंटिंग्स को गांवों में जाकर काफी सस्ते दामों में बेचते थे. 
 
 
 
देश-विदेश में इतनी ख्याति मिलने के बाद भी उनकी जीवन शैली पूर्णतया भारतीय ही बनी रही. इसके अलावा पाश्चिमी सभ्यता के बजाय भारतीय सभ्यता के की तरफ ही उनका रूझान ज्य़ादा बना रहा.
 
Related image
 
जैमिनी राय सफेद धोती कुर्ता और कंधे पर चादर रखकर बाहर निकलते थे. इसके अलावा देश-विदेश के लोगों का उनके घर हमेशा तांता लगा रहता था, इसके बावजूद उनके घर पर अतिथियों के बैठने के लिए चमकीले रंगों से चित्रकारी की गई चौकियाँ ही प्रस्तुत की जाती थीं.
 
Image result for www.jamini roy.com
 
जैमिनी राय ने 24 अप्रैल, 1972 को कोलकाता में दुनिया से अलविदा कह दिया. वो तो चले गए लेकिन उनकी बनाई गई पेंटिंग्स आज भी जिंदा है और लोगों के दिलों में बसी हुई हैं. अनेक व्यक्तिगत व सार्वजनिक कला सग्रहालयों और संस्थानों के साथ–साथ ‘ललितकला अकादमी दिल्ली’, जर्मनी व संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में जैमिनी राय चित्रों के बड़े संग्रह हैं.

Tags

Advertisement