नई दिल्ली: पूर्व भारतीय नौ सेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा दिए जाने का ऐलान किया गया है. पाकिस्तान ने जाधव पर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए यह सजा दी है.
जाधव को मौत की सजा सुनाने पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और बगैर सबूत के सजा सुनाए जाने पर आपत्ति जताई. भारत ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि कुलभूषण जाधव को जासूस बताकर मौत की सजा देना पूर्व नियोजित हत्या जैसा होगा.
पक्ष रखने का नहीं मिला मौका
पाक अखबार डॉन के मुताबिक पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तानी आर्मी एक्ट के तहत जाधव को मौत की सजा दी गई है. कुलभूषण मुंबई के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले में उन्हें अपना पक्ष तक रखने का मौका नहीं मिला और कोर्ट ने उनके खिलाफ सजा सुना दी.
भारत ने जताया विरोध
जाधव को मौत की सजा सुनाने पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और इस बारे में विरोध पत्र सौंपा. उन्होंने बगैर सबूत के सजा सुनाए जाने पर आपत्ति जताई. यदि एक भारतीय नागरिक के खिलाफ यह सजा कानून और न्याय के मूल मानदंडों को देखे बिना दी जाती है, तो भारत सरकार और यहां के लोग इसे पूर्व नियोजित हत्या का मामला मानेंगे.
पत्र में लिखा गया है कि भारत सरकार ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के माध्यम से बार-बार उन तक राजनियक पहुंच देने की मांग की. अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक इस आशय के अनुरोध औपचारिक रूप से 25 मार्च 2016 और 31 मार्च 2017 के बीच 13 बार किए गए थे. पाकिस्तान अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी थी.
पाकिस्तान ने लगाया आरोप
पाकिस्तान के विदेशी मामलों को सलाहकार सरताज अजीज ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीन नागरिक कुलभूषण पाकिस्तान में जासूसी और आतंकवादी गतिविधिओं में शामिल थे. पिछले साल मार्च में इस्लामाबाद ने जाघव का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें ये दावा किया गया था कि उन्होंने अपने आरोपों को कुबूल किया है. वीडियो में उन्होंनें भारतीय नौसेना अधिकारी होने के दावों को स्वीकार था. हालांकि, उन्होंने ये नहीं कहा था कि वे रॉ के एजेंट हैं.
इसके अलावा उस वीडियो में दावा किया गया था कि उन्होंने बलूचिस्तान प्रांत में भारत के अभियंता हिंसा और अलगाववाद का खुलासा किया था. हालांकि, भारत ने भी इस बात को स्वीकार किया कि कुलभूषण जाधव सेवानिवृत भारतीय नौसेना अधिकारी थे, मगर भारत ने इस बात से साफ तौर पर इंकार किया कि जाधव का सरकार से किसी तरह का कनेक्शन था.