ट्विटर पर छिड़ी मांजरेकर-पोलार्ड के बीच जुबानी जंग, भाषा की मर्यादा लांघी

T-20 क्रिकेट को यूं तो बल्लेबाज़ों का खेल कहा जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि चौके-छक्के लगाकर मैच जिताने वाला बल्लेबाज़ भी उतनी सर्खियां नहीं बटोर पाता, जितना कि मैदान के बाहर की गतिविधियां पा जाती हैं. जी हां, आईपीएल के दसवें सीज़न के पांचवें दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ.

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ट्विटर पर छिड़ी मांजरेकर-पोलार्ड के बीच जुबानी जंग, भाषा की मर्यादा लांघी

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  • April 10, 2017 1:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: T-20 क्रिकेट को यूं तो बल्लेबाज़ों का खेल कहा जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि चौके-छक्के लगाकर मैच जिताने वाला बल्लेबाज़ भी उतनी सर्खियां नहीं बटोर पाता, जितना कि मैदान के बाहर की गतिविधियां पा जाती हैं. जी हां, आईपीएल के दसवें सीज़न के पांचवें दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ.
 
मुम्बई इंडिंयस और केकेआर के बीच खेले गए इस मैच में न तो नीतीश राणा की विनिंग पारी को उतनी सुर्खियां मिल पाईं और न ही सचिन तेंडुलकर का स्टैंड्स से मुम्बई इंडियंस को चीयर-अप करना ही चर्चा का विषय बन पाया. 
 
यह सम्भवत: पहला ऐसा मौका था, जब कमेंट्री बॉक्स की चर्चा खेल के मैदान के चौके-छक्को से ज़्यादा सुर्खियों में आई. पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ किरोन पोलार्ड पर एक ऐसी फब्ती कसी, जिसके लिए पोलार्ड ने मांजरेकर को आड़े हाथों लिया और यहीं से दोनों के बीच शब्दों की जंग शुरू हो गई और ट्विटर इसका ज़रिया बना.
 
‘उनके पास दिमाग नहीं है’
ट्विटर पर दोनों ने एक दूसरे को ऐसा कुछ कहा जो सभ्य नहीं था और जिसने एक तरह से इस जेंटलमैन गेम को कलंकित करने का काम किया. मुम्बई इंडियंस के लिए किरोन पोलार्ड इस मैच में अपनी क्षमताओं के अनुसार बल्लेबाज़ी नहीं कर पाए थे और वह 17 गेंदों पर 17 रन बनाकर आउट हो गए थे. बस, इस प्रदर्शन पर मांजरेकर का राज्य प्रेम जग गया और उन्होंने लाइव कमेंट्री के दौरान पोलार्ड के लिए कह डाला कि पारी में पहले बल्लेबाज़ी करने का उनके पास दिमाग नहीं है. वह सिर्फ आखिरी छह ओवर ही गेंदबाज़ी कर सकते हैं. बस यहीं से दोनों के बीच के विवाद ने शब्दों की जंग का रूप ले लिया.
 
‘असभ्यता से ही मिला जवाब’
किरोन पोलार्ड ने इसके जवाब में संजय मांजरेकर के लिए ट्वीट कर दिया कि वह लगता है कि अपने पेरेट्स की मर्जी के बिना ही इस दुनिया में आ गए. उन्होंने आगे लिखा है कि शब्द इतने ताक़तवर होते हैं कि एक बार मुंह से निकल गए तो फिर उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता. अपने दूसरे ट्वीट में पोलार्ड टीम की हौसला आफज़ाई करते देखे गए. उन्होंने लिखा – कुल मिलाकर मुम्बई को टीम के तौर पर खेलने की बदौलत जीत हासिल हुई. वेल डन….हार्दिक, नीतेश और कुणाल. आप सबने शानदार प्रदर्शन किया.  
 
संजय मांजरेकर के खिलाफ टीनो बेस्ट ने अपने हमवतन पोलार्ड की जमकर पैरवी की. उन्होंने ट्विटर पर मांजरेकर से सवाल किया कि आप यह बात कैसे कह सकते हैं कि पोलार्ड के पास नम्बर तीन पर बल्लेबाज़ी करने की समझ नहीं है. हालांकि इसके बाद उन्होंने इस ट्वीट को हटा लिया.
 
‘मांजरेकर का पहला विवाद नहीं’
यह भी एक संयोग है कि पिछले साल दस अप्रैल को मांजरेकर और हर्षा भोगले के बीच भी विवाद देखने को मिला था, जिसकी हर्षा को भारी कीमत चुकानी पड़ी. मंगलवार को मांजरेकर ने ट्विटर पर हर्षा भोगले का मज़ाक बनाया. एक ट्विटर यूसर ने ट्वीट किया कि हर्षा के बिना कॉमेंट्री वैसी ही है जैसे टॉपिग्स के बिना पिज्ज़ा. हर्षा ने इसे री-ट्वीट कर दिया, जिस पर माजरेकर ने हर्षा का मज़ाक बनाते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि मज़े की बात है कि हर्षा ने इस ट्वीट को री-ट्वीट किया.

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