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आडवाणी ने फिर किया सिंध को याद, कहा- जहां जन्म हुआ वह अब भारत का हिस्सा नहीं, इसका दुख है

बीजेपी के वरिष्ठ और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर सिंध हिस्से का भारत में न होने पर दुख जताया है. उन्होंने ये बात दिल्‍ली में आयोजित इंडिया फाउंडेशन अवेयरनेस प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कही.

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  • April 10, 2017 7:29 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर सिंध हिस्से का भारत में न होने पर दुख जताया है. उन्होंने ये बात दिल्‍ली में आयोजित इंडिया फाउंडेशन अवेयरनेस प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कही. आडवाणी ने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की मौजूदगी में कहा, ‘मैं किसी देश का नाम नहीं लेना चाहूंगा, लेकिन एशिया में कुछ देश ऐसे हैं जिनसे भारत का संबंध सुधरना जरूरी है. ऐसा होगा तो मुझे खुशी होगी. मेरा जन्म जहां हुआ, वह सिंध है, जो आज भारत का हिस्सा नहीं है, इस बात का दुख है.’
 
आडवाणी ने पहले भी यह बात कह चुकी है कि सिंध के बिना भारत अधूरा है. बता दें कि आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था, बचपन वहां बीतने की वजह से आडवाणी की बहुत सी यादें कराची से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने पहले भी सिंध के भारत में न होने का दुख और कराची को पसंदीदा शहर होने की बात स्वीकार कर चुके हैं. इंडिया फाउंडेशन अवेयरनेस प्रोग्राम में आडवाणी ने एक बार फिर सिंध के न होने का दुख जाहिर करते हुए कहा कि भारत के विभाजन से पहले वह भारत का हिस्सा था, लेकिन आज वह हिस्सा भारत में नहीं है जिसका दुख है और इस बात का दुख कई लोगों को है.
 
जनवरी में भी याद आया था सिंध
आडवाणी ने इस साल की शुरुआती महीने जनवरी में भी सिंध को याद किया था. प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु पिताश्री ब्रह्मा के 48वें अधिरोहण समारोह में आडवाणी ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा था, ‘मैं दुखी होता हूं यह सोचकर कि सिंध और कराची अब भारत का हिस्सा नहीं रहे. मेरे बचपन के दिन वहीं बीते थे. मेरा मानना है कि सिंध के बिना भारत अधूरा है.’
 

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