नई दिल्ली : देश की न्यायपालिका में वैसे तो पुरुष जज को वर्चस्व है, महिलाओं की भागेदारी नगण्य है. लेकिन देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि देश के 4 पुराने और बड़े हाई कोर्ट का कामकाज महिला जज संभाल रही हैं. देश के मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस महिलाएं हैं. बता दें कि चेन्नई हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के रुप में इंदिरा बनर्जी की नियुक्ति के साथ ही देश की महिला जज ने ये कीर्तिमान बनाया है.
इंदिरा बनर्जी को 31 मार्च को चीफ जस्टिस बनाया गया. वहीं अगर दूसरी अन्य महिला मुख्य न्यायाधीशों की बात करें तो मुंबई हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लुर, दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस जीएस रोहिणी, कोलकाता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस निशिता निर्मल म्हात्रे हैं.
कब-कब हुई नियुक्तियां
मंजुला चेल्लुर, 26 सितंबर 2012 को पहली बार हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं. दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस जीएस रोहिणी ने अप्रैल 2014 में ये पद संभाला. कार्यकारी चीफ जस्टिस निशिता निर्मल इस पद पर 1 दिंसबर 2016 से हैं. वहीं अब इंदिरा बनर्जी को 31 मार्च को चीफ जस्टिस बनाया गया है.
कहां कितने जज
मुंबई हाई में देश के सभी उच्च न्यायालयों से ज्यादा महिलाएं हैं. यहां 61 पुरुष जज और 11 महिला जज हैं. दूसरे नंबर पर चेन्नई हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस को मिलाकर कुल छह महिला जज हैं जबकि 53 पुरुष जज हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में 9 महिला जज और 35 पुरुष जज है. जबकि कोलकाता में सिर्फ 4 महिला जज और पुरुष जजों की संख्या 35 है.
बता दें कि देश के 24 हाई कोर्ट में कुल 632 जजों में 68 महिला जज हैं. यह आंकड़ा कुल जजों का लगभग 10.7 फीसदी है. जबकि सुप्रीम कोर्ट में 28 जजों में से सिर्फ एक महिला जज है.