DDA की जमीन पर बने स्कूल अपनी मर्जी से फीस बढ़ाते हैं तो भरना पड़ सकता है जुर्माना

राजधानी में शिक्षा निदेशालय ने डीडीए की जमीन पर बने निजी स्कूलों को स्पष्ट रूप से ये आदेश दिया है कि वे बिना अनुमति के अब फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. इसी संबंध में शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को सर्कुलर जारी किया है.

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DDA की जमीन पर बने स्कूल अपनी मर्जी से फीस बढ़ाते हैं तो भरना पड़ सकता है जुर्माना

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  • April 8, 2017 3:26 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: राजधानी में शिक्षा निदेशालय ने डीडीए की जमीन पर बने निजी स्कूलों को स्पष्ट रूप से ये आदेश दिया है कि वे बिना अनुमति के अब फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. इसी संबंध में शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को सर्कुलर जारी किया है.
 
निदेशायल की ओर से सर्कुलर में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को आधार बनाते हुए कहा गया है कि जो स्कूल इस श्रेणी में आते हैं उन्हें अपनी मर्जी से फीस बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. इसमें आगे ये भी कहा गया है कि डीडीए की जमीन पर बने जिन स्कूलों को फीस बढ़ानी है, वे 30 अप्रैल तक अपना प्रस्ताव मंजूरी के लिए निदेशालय को भेजेंगे.
 
इसके साथ ही स्कूल के सभी आय-व्यय के विवरण संबंधी डॉक्यूमेंट्स, कक्षा के अनुसार छात्रों का पूरा ब्योरा, 2016-17 की ट्यूशन फीस, 2017-18 के लिए प्रस्तावित फीस, डेवलपमेंट फीस 2016-17, प्रस्तावित डेवलपमेंट फीस, वार्षिक शुल्क 2016-17, 2017-18 के लिए प्रस्तावित वार्षिक शुल्क, अन्य फीस वर्ष 2016-17 एवं प्रस्तावित 2017-18 का विवरण भी निदेशालय को भेजना जरूरी होगा.
 
उसके बाद निदेशालय इस पर विचार करेगा.  अगर कोई भी स्कूल बिना प्रस्ताव दिए स्कूल की फीस बढ़ाता है तो उस फीस को नियमों को उल्लंघन माना जाएगा. जिन स्कूलों को इन नियमों का उल्लंघन करते पाया गया उनपर कार्रवाई भी जा सकती है.
 
गौरतलब है कि कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखते हुए कहा कि स्कूलों को नियम का पालन करना ही होगा. बता दें कि 19 जनवरी 2016 को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि डीडीए की जमीनों पर बने पब्लिक स्कूलों को फीस बढाने से पहले दिल्ली सरकार से इजाजत लेनी होगी, क्योंकि जमीन देते वक्त भी ये शर्त रखी गई थी. 
 
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पब्लिक स्कूलों ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने था कि डीडीए की जमीन पर बने पब्लिक स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को दिल्ली सरकार से इजाजत लेनी होगी. जानकारी के मुताबिक दिल्ली में करीब 400 स्कूल हैं जो डीडीए की जमीन पर चल रहे हैं.

 

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