नई दिल्ली: बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीर हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला बहुत महत्पूर्ण है और इस पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है.
पॉस्को एक्ट के मामलों में स्वतंत्र पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति में नाकाम राज्यों से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने देश के हाईकोर्ट को आगे आने को कहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश समेत राज्यों के हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को कहा कि इस मामले में स्वतः संज्ञान लें और पॉस्को मामले में स्वतंत्र पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त करें.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट को कहा कि इस मामले में लंबित याचिका का जल्द निपटारा करे और पॉस्को मामले में स्वतंत्र पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त करे. कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसे आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं जो बच्चे के लिए लाभकारी हो.
बता दें कि कोर्ट में जिस याचिका पर यह फैसला सुऩाया है इसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि 2015 में बच्चों से यौन अपराधों के 14913 केस कोर्ट में दाखिल हुए थे. लेकिन कई राज्यों ने कानून के मुताबिक ट्रायल के लिए पीपी नियुक्त नहीं किए.