नई दिल्ली. गौरक्षा के नाम पर मारकाट मचाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और 6 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
कोर्ट ने सभी से 3 हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 मई की तारीख निश्चित की है.
केंद्र सरकार के अलावा जिन राज्यों को नोटिस जारी किया गया है उनमें गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं.
आपको बता दें कि इन संगठनों पर प्रतिबंध की मांग के लिए कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने याचिका दाखिल की है.
आज हुई सुनवाई में तहसीन पूनावाला की ओर से मांग की गई है कि राजस्थान ने इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया है इसलिए उससे अलवर में हुई घटना पर भी जवाब मांगा जाए. हालांकि हाईकोर्ट की ओर से उनकी इस मांग पर कुछ भी नहीं कहा गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर इससे पहले ही सुनवाई में भी केंद्र सहित इन राज्यों से जवाब मांगा था लेकिन किसी की ओर से हलफनामा दाखिल नहीं किया गया. इस सुप्रीम कोर्ट को आज नोटिस जारी करना पड़ा है.
क्या कहा गया है याचिका में
याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने गौरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा रोकने के लिए मांग की है.उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले ऐसे संगठनों पर वैसे ही रोक लगाई जाए जैसे सिमी पर कार्रवाई की की गई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि देश में कुछ राज्यों में गौरक्षा दलों को सरकारी मान्यता मिली हुई है जिससे इनके हौसले बढ़े हुए हैं. याचिका के साथ में गौरक्षक दलों की हिंसा के वीडियो और अखबार की कटिंग भी लगाई गई हैं.