नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) मामले में सुप्रीम कोर्ट से सहारा प्रमुख सुब्रत राय को राहत नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सहारा समूह तय समय पर पैसे जमा नहीं कराता है तो उसकी एम्बी वैली प्रोजेक्ट को नीलामी कर दिया जाएगा.
कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि हमने आपको पहले ही काफी समय दिया हुआ है. अब पैसे जमा कराने की तारीख को नहीं बढ़ाएंगे. सहारा ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी की 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा खाते में 5092 करोड़ रुपये जमा कराने की तारीख और बढ़ा दी जाये.
सहारा ने कोर्ट में कहा कि प्रॉपर्टी के बिक्री की प्रकिया चल रही है लेकिन पैसे जमा कराने के लिए और समय दिया जाये. वहीं पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह प्रमुख सुब्रत राय सहारा को वादरहित संपत्तियों को बेचकर 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा खाते में 5092 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट 17 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि सुब्रत राय और समूह के दो अन्य निदेशकों के पैरोल बढ़ाने पर तभी विचार किया जाएगा अगर 13 अप्रैल तक मुनासिब रकम सेबी-सहारा खाते में जमा हो. कोर्ट ने सहारा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के उस आग्रह को ठुकरा दिया कि संपत्तियों को बेचने और खाते में जमा करने के लिए कम से कम छह महीने का वक्त दिया जाए.
इसके अलावा कोर्ट ने सहारा समूह की ओर से सौंपी गई 15 संपत्तियों की सूची में से 13 संपत्तियों को बचने की अनुमति देते हुए 13 अप्रैल तक रकम सेबी-सहारा केखाते में जमा करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि ‘हम अवमानना करने वाले(सुब्रत राय) को संपत्तियों की बिक्री करने की इजाजत देते हैं चाहे कि इन 13 संपत्तियों को बेचे या किसी अन्य संपत्तियों को, हम छह महीने की इजाजत नहीं दे सकते.
हालांकि पीठ ने सहारा को फोर्स-वन फामूर्ला रेस टीम में अपनी हिस्सेदारी बेचने की इजाजत देने से इनकार किया है. सहारा समूह ने पीठ को यह भी बताया था कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने उसकी 91.69 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर रखा है और मुआवजे की रकम 1120.7 करोड़ रुपये की अधर में है. इस पर पीठ ने प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की अगली तारीख 17 अप्रैल को प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी को पेश होने के लिए कहा है.